पटना : चमकी बुखार पर घड़ियाली आंसू बहा रहा विपक्ष : सुशील मोदी

भाजपा विधायक दल की प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक चमकी बुखार से मरे बच्चों और लू से मरे लोगों के प्रति दो मिनट का मौन रखा गया पटना : भाजपा विधायक दल की बैठक बुधवार को प्रदेश कार्यालय में हुई. शाम करीब छह बजे से शुरू हुई यह बैठक देर शाम करीब साढ़े नौ बजे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 4, 2019 8:45 AM
भाजपा विधायक दल की प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक
चमकी बुखार से मरे बच्चों और लू से मरे लोगों के प्रति दो मिनट का मौन रखा गया
पटना : भाजपा विधायक दल की बैठक बुधवार को प्रदेश कार्यालय में हुई. शाम करीब छह बजे से शुरू हुई यह बैठक देर शाम करीब साढ़े नौ बजे तक चली. बैठक की शुरुआत चमकी बुखार से मरे बच्चों और लू से मरे सैकड़ों लोगों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि देने से हुई. डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में चली इस मैराथन बैठक में उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण दायित्वों और पदों पर बैठे विपक्ष के नेताओं को चमकी और लू प्रभावित इलाकों में झांकने तथा विधान मंडल में इस पर हुई बहस में हिस्सा लेने तक की फुर्सत नहीं मिली.
विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार पर अनर्गल आरोप लगा कर सिर्फ घड़ियाली आंसू बहा रहा है. उन्होंने कहा कि चमकी बुखार जैसी आपदा से निबटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार पूरी तरह मुस्तैद है. इस बीमारी से प्रभावित जिलों के प्रभावितों के आर्थिक-सामाजिक सर्वे के साथ ही जो बच्चे स्वस्थ होकर लौटे हैं, उनकी भी सरकार ट्रैकिंग करेगी.
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण देश और दुनिया को तरह-तरह की आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी आपदाओं के मुकाबले की जहां मुकम्मल तैयारी और जागरूकता की जरूरत है, वहीं राज्य सरकार पीड़ित परिवारों को तत्काल चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने में भी पीछे नहीं है.
डिप्टी सीएम ने बैठक में सदस्यों को पीएम किसान योजना और आयुष्मान योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा अपने-अपने क्षेत्रों में आम लोगों को इन योजनाओं से अवगत कराने को कहा. ताकि अधिक से अधिक लोग इनका लाभ ले सकें. बैठक के दौरान विपक्षी सदस्यों को घेरने और सरकार का हर मोर्चे पर मजबूती के साथ सहयोग करने के लिए कहा गया. विपक्षी दलों के हर सवाल और रणनीति का मुस्तैदी से मुकाबला करने को लेकर खासतौर से चर्चा की गयी है.
सभी सदस्यों को जन उपयोगी से जुड़े मामलों को ज्यादा से ज्यादा उठाने की बात कही गयी. इस बैठक में पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, कृषि मंत्री प्रेम कुमार, पीएचइडी मंत्री बिनोद नारायण झा, कला-संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार, पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि समेत तमाम मंत्री और विधायक तथा एमएलसी मौजूद थे.
राहुल ने गलती मानने से ज्यादा हार के लिए मतदाताओं को कोसा : िडप्टी सीएम
पटना : डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि राहुल गांधी को मनाने के लिए खून से चिट्ठी लिखने, धरना देने और आत्महत्या की धमकी देने जैसे इमोशनल नौटंकी के बाद कांग्रेस ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया. परंतु 132 साल पुरानी पार्टी महीने भर में भी नया अध्यक्ष नहीं चुन पायी. इस पद के लिए जिन नामों की चर्चा है, वे गांधी परिवार के समय सिद्ध वफादार मोतीलाल वोरा और सुशील कुमार शिंदे जैसे लोग हैं.
संकेत साफ है कि पार्टी की वास्तविक पावर सेंटर गांधी परिवार में ही रहेगा. सोनिया गांधी ने जैसे रिमोट कंट्रोल से 10 साल तक यूपीए सरकार चलायी, वैसे ही पार्टी चलाने के लिए भी रोबोट खोज लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने लंबे त्यागपत्र में यह स्वीकार नहीं किया है कि देशद्रोह कानून समाप्त करने, ईमानदार प्रधानमंत्री को चोर कहने, तीन तलाक का विरोध करने और सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग कर सेना का अपमान करने जैसी बड़ी नीयत गलतियों के कारण कांग्रेस हारी.
बल्कि, वे यह दिखाना चाहते हैं कि देश के मतदाताओं ने उनके साथ गलत किया. राहुल अगर अपनी जिम्मेदारी लेने से ज्यादा मतदाताओं के विवेक पर सवाल उठा रहे हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. डिप्टी सीएम ने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि कांग्रेस ने परिस्थितिवश अगर गांधी परिवार के बाहर से किसी योग्य व्यक्ति को कमान सौंपी, तो उसे पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव की तरह गांधी परिवार के वफादारों की ओर से आंतरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा या सीताराम केसरी की तरह अपमानित होना पड़ेगा. नये अध्यक्ष के किस निर्णय को पावरफुल कार्यकर्ता राहुल गांधी कब फाड़ कर फेंक देंगे, कौन जानता है.
जीएसटी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की बदली तस्वीर : राजीव : भाजपा प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि जीएसटी के दो वर्ष पूरे होने पर अब इसका पूरा फायदा देश को मिलना शुरू हो गया है. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर बदलने जा रही है.
आज जीएसटी तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है. दो साल पहले 1 जुलाई 2017 को देश को आर्थिक आजादी मिली थी. उन 17 प्रकार के करों से आजादी मिली, जिसके बोझ के नीचे लोग 70 साल से दबे हुए थे. अब भारत में वन नेशन, वन टैक्स का राज स्थापित हो गया है.

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