भारी बारिश के लिए पटना भी रहे अलर्ट, लगातार घट रहे वर्षा के दिन, 46 दिनों की बारिश 17 दिनों में सिमटी

पटना : पिछले छह दशकों में न केवल बारिश का ट्रेंड बदला है, बल्कि उसके वर्षा के दिनों (रेनी डे) की संख्या में भी अंतर आया है. इसके चलते बरसात को सहेजना और इसका सदुपयोग चुनौती बनता जा रहा है. पटना गजेटियर के मुताबिक 1932 से साठ के दशक तक पटना जिले में वर्षा दिनों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 23, 2019 7:49 AM
पटना : पिछले छह दशकों में न केवल बारिश का ट्रेंड बदला है, बल्कि उसके वर्षा के दिनों (रेनी डे) की संख्या में भी अंतर आया है. इसके चलते बरसात को सहेजना और इसका सदुपयोग चुनौती बनता जा रहा है. पटना गजेटियर के मुताबिक 1932 से साठ के दशक तक पटना जिले में वर्षा दिनों की संख्या 46 थी. तब पटना की औसत बारिश करीब एक हजार मिलीमीटर थी. इस तरह बारिश के 46 दिन में रोजाना करीब 21 मिलीमीटर बारिश होती थी. अब हालात बदल गये हैं.
अब औसत बारिश कमाेबेश उतनी ही है,जबकि वर्षा के दिनों की संख्या आधे से भी कम रह गयी है. पटना के मॉनसून सत्र में देखा जाये, तो पिछले 10 साल में औसतन 17-20 दिन ही बारिश हो रही है. इस तरह 46 दिन की बारिश अधिकतम 20 दिन होगी. जाहिर है कि हेवी रेन (भारी बरसात)के चांस अधिक रहते हैं. पिछले वर्षों के आंकड़े इस बात के गवाह रहे हैं.
भारी बरसात के दिनों की संख्या अधिक होने से सबसे ज्यादा दिक्कत जल संरक्षण में आती है. भारी बरसात के कारण न तो पानी सहेजा जा सकता है और न वह ग्राउंड वाटर में ही तब्दील हो पाता है. दरअसल इस तरह की बारिश ड्रेनेज सिस्टम पर भारी साबित होती है.
रेनी डे अधिक होने के फायदे
रेनी डे अधिक होने से पानी भूजल के रूप में संचित होता है. पेड़-पौधों और खेती के लिए सर्वाधिक फायदेमंद होता है. रूफ वाटर हार्वेस्टिंग के लिए भी उपयोगी होती है.
नोट : इस तरह दस साल में केवल तीन साल ही औसत बारिश हुई. शेष सात साल पटना में औसत बारिश नहीं हुई है.
पिछले 10 वर्षों में हुई बारिश
वर्ष मिलीमीटर
2018 771
2017 937
2016 975
2015 745
2014 849
2013 722
2012 813
2011 1059
2010 776
2009 752
सोमवार को कई चरणों में हुई बारिश : पटना. शहर में सुबह सवा 10 बजे से लेकर मध्यरात्रि तक कई चरणों में मॉनसूनी बारिश हुई. हालांकि करीब-करीब पूरे दिन सूरज नहीं निकला. सुबह सवा 10 बजे से शुरू हुई बारिश 12 बजे तक चलती रही. कुछ देर धूप निकली, लेकिन करीब एक बजे फिर बूंदाबांदी शुरू हो गयी. शाम को पांच बजे, देर शाम सात बजे, फिर करीब आठ बजे बारिश होती रही. मध्यरात्रि के बाद बारिश का फिर पूर्वानुमान जारी किया गया.
एक्सपर्ट व्यू
निश्चित तौर पर बिहार में रेनी डे की संख्या घटी है. यह ट्रेंड जारी है. अब कम समय में अधिक बारिश का ट्रेंड तेजी से चला है. यह सब क्लाइमेट चेंजिंग की वजह से है. लोगों को चाहिए कि वह इस बारिश को जितना संभव हो सके सहेजें.
-अब्दुल सत्तार, वरिष्ठ मौसम विज्ञानी, डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (पूसा)

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