सभी गरीब बूढ़ों को मिलेगा पेंशन, CM नीतीश ने शुरू की योजना, कहा- माता-पिता की सेवा करना हुआ अनिवार्य

पटना : बिहार के गरीब वृद्ध लोगों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को सीएम लोक संवाद में आयोजित कार्यक्रम में वृद्धजन पेंशन योजना की शुरुआत की. इस योजना की शुरुआत एक अगस्त को करने की समाज कल्याण विभाग की योजना थी. हालांकि, यह पहले ही शुरू कर दी गयी है. इस योजना के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 14, 2019 3:56 PM

पटना : बिहार के गरीब वृद्ध लोगों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को सीएम लोक संवाद में आयोजित कार्यक्रम में वृद्धजन पेंशन योजना की शुरुआत की. इस योजना की शुरुआत एक अगस्त को करने की समाज कल्याण विभाग की योजना थी. हालांकि, यह पहले ही शुरू कर दी गयी है. इस योजना के लिए अब तक करीब दो लाख लोगों ने आवेदन किया है. उम्मीद जतायी जा रही है कि इस योजना के लिए करीब 35 से 36 लाख आवेदन आ सकते हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुरू की गयी मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक आयु के गरीब लोगों को प्रतिमाह 400 रुपये मिलेंगे. जबकि, 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को प्रतिमाह 500 रुपये मिलेंगे. एक अप्रैल, 2019 से प्रभावी इस योजना का लाभ सेवानिवृत्त सरकारी कर्मियों को नहीं मिलेगा. योजना की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने वृद्धजन पेंशन योजना के लिए 18,000 करोड़ रुपये का विशेष कोष बनाया है. इस योजना से गरीब बुजुर्गों को सम्मान और प्रतिष्ठा मिलेगी.उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अब ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. किसी भी जाति, धर्म और आय वर्ग के वृद्ध मोबाइल के जरिये भी आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए आधार कार्ड का होना अनिवार्य होगा. आधार से जुड़े बैंक खातों में पैसे प्रत्येक महीने ट्रांसफर हो जायेंगे.

कहा- बिहार में माता-पिता की सेवा करना हुआ अनिवार्य

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में माता-पिता की सेवा करना अब अनिवार्य हो गया है. जो बच्चे बूढ़े माता-पिता का अनादर करेंगे, उन पर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे लोग हैं, जो माता-पिता की उपेक्षा करते हैं. इसलिए सरकार ने कानून बनाया है. यदि बच्चे माता-पिता का ख्याल नहीं रखते हैं, तो माता-पिता एसडीओ के पास इसकी शिकायत कर सकते हैं. इसके बाद मामले को जिलाधिकारी देखेंगे और कार्रवाई करेंगे. साथ ही कहा कि अब माता-पिता को अदालतों को चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. जिलाधिकारियों को शक्ति प्रदान कर दी गयी है. साथ ही मामले का निबटारा भी 30 दिनों में हो जायेगा.

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