मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला : तीन महीने में जांच पूरी करे सीबीआइ : सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली : मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को तीन महीने में जांच पूरी करने का आदेश दिया. सीबीआइ ने जांच के लिए 6 महीने का समय मांगा था. न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा और न्यायाधीश एमआर शाह की अवकाशकालीन पीठ ने सीबीआइ को आदेश दिया कि शेल्टर होम में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 4, 2019 8:07 AM
नयी दिल्ली : मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को तीन महीने में जांच पूरी करने का आदेश दिया. सीबीआइ ने जांच के लिए 6 महीने का समय मांगा था.
न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा और न्यायाधीश एमआर शाह की अवकाशकालीन पीठ ने सीबीआइ को आदेश दिया कि शेल्टर होम में अप्राकृतिक यौन शोषण और उत्पीड़न की वीडियो रिकार्डिंग किये जाने की भी जांच करे. इन दोनों मामलों की जांच धारा 377 और आइटी एक्ट के तहत होगी. साथ ही शेल्टर होम जाकर लड़कियों का उत्पीड़न करने, ड्रग्स देने और तस्करी करने वालों की भी जांच करने का आदेश दिया. अदालत ने सीबीआइ को तीन महीने में जांच से जुड़ी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 11 लडकियों की हत्या के मामले में सीबीआइ को 3 जून तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था.
सोमवार को सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने कहा कि हम तीन पहलुओं पर जांच कररहे हैं. इनमें कुछ लड़कियों की हत्या से संबंधित, सीएफएसएल और एम्स की रिपोर्ट शामिल है. हत्या की जांच में धीमी गति से नहीं की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी से पूछा कि आपको जांच के लिए कितना समय और चाहिए. कितनी लड़कियां गायब हैं.
इसके जवाब में सीबीआइ ने कहा कि कुछ लड़कियों को गवाहों द्वारा नामित किया गया था. रिकॉर्ड के अनुसार चार लड़कियों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई. गवाहों ने उन लड़कियों का भी नाम लिया है, जिनकी कथित रूप से हत्या कर दी गयी थी.
रजिस्टर में कई लड़कियों के नाम एक जैसे हैं. लेकिन गायब लड़कियों के बारे में पता लगाया जा रहा है. इसमें से कुछ का पता चल गया है. सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 471 लड़कियां रहती थीं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की सुनवाई बिहार से दिल्ली के साकेत कोर्ट में हस्तांतरित किया गया है. साकेत पोस्को अदालत में इस मामले की रोजाना सुनवाई चल रही है. मामले का निबटारा 6 महीने में किया जाना है.

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