दारोगा और वार्डन की नियुक्ति में गर्भवती उम्मीदवारों को राहत देने से हाईकोर्ट का इनकार, कहा- यदि…

पटना : पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया कि राज्य में दारोगा और वार्डन की बहाली में गर्भवती उम्मीदवारों को शारीरिक परीक्षा में कोई छूट नहीं दी जायेगी. मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही और न्यायाधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर अपील पर यह फैसला सुनाया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2019 1:50 PM

पटना : पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया कि राज्य में दारोगा और वार्डन की बहाली में गर्भवती उम्मीदवारों को शारीरिक परीक्षा में कोई छूट नहीं दी जायेगी. मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही और न्यायाधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर अपील पर यह फैसला सुनाया है. खंडपीठ में इस मामले पर सुनवाई पूरी कर अपना आदेश पहले ही सुरक्षित रख लिया था, जिस पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया.

हालांकि, अदालत ने कहा कि यह सरकार पर निर्भर करता है कि अगर वह चाहे तो गर्भवती उम्मीदवारों को इस मामले में छूट दे सकती है. ऐसी बात नहीं है कि गर्भवती उम्मीदवारों का यह संवैधानिक अधिकार है. खंडपीठ ने यह आदेश बिहार केंद्रीय सिपाही चयन आयोग की अपील पर सुनाया है.

मालूम हो कि गर्भवती उम्मीदवारों द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ के न्यायाधीश ज्योति शरण ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह गर्भवती उम्मीदवारों का नये सिरे से शारीरिक दक्षता परीक्षा ले ले. एकल पीठ के इसी आदेश को सिपाही भर्ती आयोग द्वारा हाईकोर्ट की खंडपीठ में चुनौती दी गयी थी, जिस पर यह फैसला आया है.