पटना : सदर में दाखिल-खारिज कराने को लग रही भीड़

पटना : पटना सदर अंचल में ऑनलाइन दाखिल-खारिज कराने की प्रक्रिया रफ्तार नहीं पकड़ रही है. डीएम कुमार रवि के स्तर से लगातार समीक्षा करने के बावजूद सदर अंचल की स्थिति में सुधार नहीं है. बुधवार को प्रभात खबर टीम ने सदर अंचल की पड़ताल की. टीम दिन के लगभग 12 बजे सदर अंचल के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 21, 2019 9:00 AM
पटना : पटना सदर अंचल में ऑनलाइन दाखिल-खारिज कराने की प्रक्रिया रफ्तार नहीं पकड़ रही है. डीएम कुमार रवि के स्तर से लगातार समीक्षा करने के बावजूद सदर अंचल की स्थिति में सुधार नहीं है. बुधवार को प्रभात खबर टीम ने सदर अंचल की पड़ताल की. टीम दिन के लगभग 12 बजे सदर अंचल के दाखिल-खारिज काउंटर पर पहुंची.
उस दौरान लगभग आधे दर्जन लोग काउंटर के पास लाइन लगाये खड़े थे.महिला कर्मचारी काउंटर से आवेदनों को ले रही थी. लगभग एक घंटे तक किसी भी आवेदन को काउंटर से जमा नहीं किया जा सका. स्लो सर्वर का हवाला देकर महिला कर्मचारी ने लगभग सभी को वापस कर दिया. वहीं कई आवेदक दाखिल-खारिज को लेकर जानकारी ले रहे थे, जवाब दिया जा रहा था कि अभी अंचलाधिकारी नहीं हैं.
हर दिन 25 से अधिक आवेदन, जमा केवल पांच : जानकारी लेने पर काउंटर पर मौजूद कर्मियों ने बताया कि हर दिन यहां 20 से 25 लोग दाखिल-खारिज के आवेदन लेकर आते हैं, लेकिन यहां सर्वर स्लो होने की लगातार शिकायत रहती है. सर्वर सुधार के लिए बीते दिनों काउंटर बंद कर अपडेट करने का काम भी किया गया था, लेकिन अब तक सुधार नहीं हुआ. कर्मियों ने बताया कि पूरे दिन के वर्क आवर में पांच से सात आवेदन ही जमा हो पाते हैं.
आपसी विवाद का असर : सदर अंचल में सीअो व कर्मियों के बीच आपसी विवाद भी रहे हैं. सीओ निलंबित हो चुके हैं, जबकि कर्मियों पर एफआइआर तक दर्ज की जा चुकी है. वर्तमान में अभी तक किसी सीओ को प्रभार नहीं दिया गया है. जबकि निलंबित सीओ का दावा रहा है कि दलालों के खिलाफ कार्रवाई करने व मामलों की जांच कराने के बाद वहां दलाल व अराजक तत्वों में कमी आयी थी.
पटना सदर में तीन माह में अब तक मात्र 178 आवेदनों का निबटारा किया गया है. वहीं अब तक 4306 लोगों ने इसके लिए आवेदन दिये हैं.
इनमें 4124 आवेदन लंबित हैं. दो माह से अधिक समय होने के बाद भी 211 आवेदनों का निबटारा नहीं किया जा सका है. बुधवार को जब काउंटर से पड़ताल की, तो जानकारी मिली कि सीओ के नहीं रहने से दो दिनों में काउंटर पर ही काफी आवेदन पड़े हुए हैं. उसके पहले भी काफी सुस्त तरीके से आवेदनों का निबटारा किया जाता रहा है.

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