पटना : सीट को लेकर महागठबंधन में अलग-अलग सुर, चुनाव सिर पर, सक्रिय हुए अन्य दल, मैदान में कार्यकर्ताओं का समूह
पटना : लोकसभा चुनाव की घोषणा के कुछ ही दिन रह गये हैं, प्रदेश में राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी फौज जमीन पर उतार दी है. भाजपा हर दिन एक कार्यक्रम के सहारे आम लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही. वहीं, जदयू का प्रमंडल स्तर पर सम्मेलन चल रहा है. राजद के तेजस्वी यादव […]
पटना : लोकसभा चुनाव की घोषणा के कुछ ही दिन रह गये हैं, प्रदेश में राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी फौज जमीन पर उतार दी है. भाजपा हर दिन एक कार्यक्रम के सहारे आम लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही. वहीं, जदयू का प्रमंडल स्तर पर सम्मेलन चल रहा है. राजद के तेजस्वी यादव जिलों में दौरा कर रहे हैं. कांग्रेस बूथ लेवल कमेटी गठित करने को सक्रिय है. वामदल आंदोलन के सहारे जनता में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहे. एनडीए के सभी घटक दल तीन मार्च को पटना की रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए जिलों में सक्रिय हैं.
भाजपा का पंचायत से पटना तक कार्यक्रम शुरू
दो-तीन लोकसभा सीटों को मिलाकर एक शक्ति केंद्र की स्थापना की गयी है. इसमें बड़े नेताओं की उपस्थिति होती है. मन की बात मोदी के साथ’ कैंपेन चल रहा. करीब 150 गाड़ियां और कार्यकर्ता घूम-घूम कर आम लोगों से सुझाव एकत्र कर रहे हैं.सुझावों के आधार पर इस बार का घोषणा-पत्र तैयार होगा. पंचायत और प्रखंड स्तर पर अभियान चलाकर लोगों से संपर्क किया जा रहा.
जदयू में प्रमंडल स्तर पर चल रहा कार्यकर्ता सम्मेलन
प्रमंडल स्तर पर जदयू को मजबूत करने के लिए सम्मेलन जारी है. नौ फरवरी को बेतिया में इसकी शुरूआत हुई है. 17 को दरभंगा, 23 को मधेपुरा, 24 को पूर्णिया, 25 को भागलपुर के बांका, 26 को मुंगेर, 27 को गया और 28 फरवरी को सीवान में इसका आयोजन होगा. बूथ कमेटी का गठन का काम पूरा किया जा रहा. युवा कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया जा रहा.
वाम दल भी हैं तैयार
सभी वामदलों के सहयोग से 18 फरवरी को विधानसभा मार्च है. मार्च में बटाईदार किसानों के कर्जमाफी, गरीबों को उजाड़ने का विरोध किया जायेगा. 26 फरवरी को ब्लॉक स्तर पर घेराव कार्यक्रम चलाया जायेगा. बेगूसराय में दो मार्च को, खगड़िया में तीन मार्च को और चार मार्च को किशनगंज में क्षेत्रीय रैली भी होगी.
कांग्रेस चला रही बूथ लेवल कमेटी अभियान
राजद नेता तेजस्वी यादव कर रहे जिलों का दौरा
लोजपा तीन मार्च की रैली के लिए प्रखंड तक कमेटी बना रही.
सीट को लेकर महागठबंधन में अलग-अलग सुर
पटना : बिहार में नौ दलों के साथ तैयार किया गया महागठबंधन का ढांचा मायाजाल से कम नहीं दिख रहा है. सीटों को तस्वीर साफ नहीं दिख रही. गठबंधन में शामिल दल अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं. एनडीए में सीटों की संख्या की घोषणा की मांग करनेवाले रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा पूरी तरह से मौन हैं.
महागठबंधन के लिए सब कुछ कुर्बानी देने का दावा करनेवाले हम प्रमुख जीतनराम मांझी रालोसपा के बराबर सीट से कम पर तैयार नहीं होने की बात कर रहे हैं. कांग्रेस फ्रंट फुट पर खेलने को लेकर मचल रही है. शरद यादव के माध्यम से भी नेता अपनी जुगत में हैं.
महागठबंधन की गाड़ी कांग्रेस, राजद, शरद यादव की लोजद, जीतनराम मांझी के हम, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा, वीआइपी के मुकेश सहनी और तीन वाम दलों के सांठगांठ से तैयार एक ऐसा प्लेटफॉर्म पर खड़ी है जिसका अभी तक कोई ड्राइवर ही नहीं दिख रहा है.
इस महागठबंधन में सीटों को लेकर सभी ऑल इज वेल कह रहे हैं. इसका इंतजार करते हुए रालोसपा में सीटों का दावेदार माने जा रहे श्रीभगवान सिंह कुशवाहा और नागमणि ने रास्ता ही बदल लिया. हाल ही कांग्रेस के अजित शर्मा व जीतनराम मांझी के बयानों से महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला फिलहाल सुलझता नहीं दिख रहा है.
अभी देश का माहौल गमगीन है और विधानमंडल का सत्र भी चल रहा है.जानकारों का कहना है कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी व मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी पांच-पांच सीटों की दावेदारी नहीं करेगी. रही बात राजद व कांग्रेस की तो यह अभी तक अबूझ पहेली बनी हुई है जिसे राहुल गांधी और तेजस्वी प्रसाद ही सुलझा सकते हैं.
