दुष्कर्म मामलों में पीड़िता का इंटरव्यू किसी रूप में नहीं दिखाने के मामले में फरवरी में होगी अंतिम सुनवाई
पटना : बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अंतिम सुनवाई के लिए अगले वर्ष के फरवरी माह के पहले सप्ताह की तिथि तय की है. मालूम हो […]
पटना : बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अंतिम सुनवाई के लिए अगले वर्ष के फरवरी माह के पहले सप्ताह की तिथि तय की है. मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए निर्देश दिया था कि मीडिया जिम्मेदारी-संजीदगी से रिपोर्टिंग करे. मामले से जुड़े पीड़ित या उनके घरवालों की पहचान सार्वजनिक ना हो. साथ ही पीड़ित के चेहरे को ब्लर, छिपा कर या किसी भी रूप में इंटरव्यू ना दिखाये.
Supreme Court posts a case relating to media reporting in sexual assaults and abuse cases for final hearing in February first week, next year
— ANI (@ANI) November 30, 2018
जानकारी के मुताबिक, बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षतावाली पीठ सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए निर्देश दिया था कि बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में मीडिया जिम्मेदारी-संजीदगी से रिपोर्टिंग करे. मामले से जुड़े पीड़ित या उनके घरवालों की पहचान सार्वजनिक ना हो. साथ ही पीड़ित के चेहरे को ब्लर, छिपा कर या किसी भी रूप में इंटरव्यू ना दिखायी जाये. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश को स्पष्ट करते हुए था कि यह आदेश सिर्फ मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में ही नहीं, बल्कि रेप के हर मामले की रिपोर्टिंग के लिए होगा. यह आदेश सिर्फ नाबालिग पीड़ित के लिए ही नहीं, बल्कि बालिगों के लिए भी था. उनके चेहरे या इंटरव्यू को भी ब्लर करके नहीं चला सकते. मालूम हो कि पत्रकार निवेदिता झा ने अधिवक्ता फौजिया शकील के जरिये पटना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
