पटना : डिजिटल तकनीक पर यूजीसी ने यूनिवर्सिटियों से मांगी जानकारी

प्रदेश के सभी विवि को ऑनलाइन देनी हैं सभी जानकारियां पटना : यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में डिजिटलाइजेशन को लेकर यूजीसी ने बिहार के सभी यूनिवर्सिटी और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों को पत्र लिखकर नयी-नयी टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी मांगी है. यूनिवर्सिटी के किस-किन विभाग में कौन-कौन सी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है, इसकी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 12, 2018 8:53 AM
प्रदेश के सभी विवि को ऑनलाइन देनी हैं सभी जानकारियां
पटना : यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में डिजिटलाइजेशन को लेकर यूजीसी ने बिहार के सभी यूनिवर्सिटी और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों को पत्र लिखकर नयी-नयी टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी मांगी है. यूनिवर्सिटी के किस-किन विभाग में कौन-कौन सी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है, इसकी जानकारी यूनिवर्सिटियों को निर्धारित फॉर्मेंट में ऑनलाइन देनी है.
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने पत्र जारी करते हुए कहा कि इसका मकसद यूनिवर्सिटियों और कॉलेजों में डिजीटल तकनीक का अधिक से अधिक प्रयोग करवाना है. डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर लर्निंग प्रोसेस को बेहतर करना है. डिजिटल तकनीक से पढ़ाई में स्टूडेंट्स और टीचर्स को काफी मदद मिलेगी. नोट्स भी देने में सहूलियत होगी. नये तकनीक के इस्तेमाल करने पर टीचर्स को भी लर्निंग नोट्स मिल जायेंगे.
यह जानकारी मांगी है
यूजीसी ने पूछा है कि आखिर कितने डिजिटल बोर्ड काम कर रहे हैं या कितने है. कुल कितने एलसीडी प्रोजेक्टर्स है?, टीवी स्क्रीन काम कर रहा है?, एमएचआरडी, यूजीसी, एआईसीटीई की ओर से तैयार ऑनलाइन लेक्चर्स कराये गये हैं या नहीं?, कब से डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं?, इसके साथ यूजीसी ने यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स और टीचर की संख्या भी मांगी है. यूजीसी ने कहा है कि अगर जिन संस्थान में डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल नहीं हो रहा है उसकी वित्तीय मदद भी रोक दी जायेगी.
यूजीसी ने कहा कि उच्च शिक्षा को विश्वस्तरीय बनाने के लिए सभी तकनीक से यूनिवर्सिटियों को लैस करना है. पीयू कुलपति प्रो रास बिहारी प्रसाद सिंह ने कहा है कि पीयू डिजिटल तकनीक को बढ़ावा दे रही है. पीयू तीन साल पहले ही यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया शुरू कर दी थी. अब धीरे-धीरे सभी काम ऑनलाइन हो रहे हैं.

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