महिला सिपाहियों की बर्खास्तगी का मामला : महिला आयोग पहुंची 32 महिला सिपाही, इंसाफ का मिला आश्वासन

पटना : महिला सिपाही सविता पाठक की मौत के बाद सरकार की कार्रवाई के बाद बर्खास्त 175 पुलिसकर्मियों में से 32 महिला सिपाहियों ने इन्साफ के लिए बिहार राज्य महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया है. बर्खास्त 32 महिला सिपाही गुरुवार को राज्य महिला आयोग के दफ्तर पहुंची और बर्खास्तगी को गलत बताते हुए महकमे के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 8, 2018 7:40 PM

पटना : महिला सिपाही सविता पाठक की मौत के बाद सरकार की कार्रवाई के बाद बर्खास्त 175 पुलिसकर्मियों में से 32 महिला सिपाहियों ने इन्साफ के लिए बिहार राज्य महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया है. बर्खास्त 32 महिला सिपाही गुरुवार को राज्य महिला आयोग के दफ्तर पहुंची और बर्खास्तगी को गलत बताते हुए महकमे के ही अधिकारी पर बड़ा आरोप लगाया.
महिला आयोग ने महिला पुलिसकर्मियों को इंसाफ दिलाने का दिया आश्वासन
महिला सिपाहियों ने राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि देवी से मुलाकात के बाद मीडिया कर्मियों से बात करते हुए राज्य सरकार द्वारा की गयी बर्खास्तगी को गलत बताते हुए भेदभाव किये जाने और गलत रवैये की शिकायत की. साथ ही कहा कि महकमे के बड़े अधिकारी हमें अकेले में बुलाते थे. वहीं, आयोग की अध्यक्ष दिलमणि देवी ने बर्खास्त महिला सिपाहियों को इन्साफ का भरोसा दिलाया है. इस संबंध में बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि मामले को लेकर डीजीपी से बात की जा रही है. मामले पर जल्द ही बैठक भी बुलायी जायेगी. साथ ही महिला आयोग की सदस्य उषा विद्यार्थी ने महिला सिपाहियों का पक्ष लेते हुए कहा कि इतनी बड़ी गलती नहीं कि है कि उन्हें इतनी बड़ी सजा दी जाये. साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि ”ऐसी कार्रवाई से किसी ने सदमे में आत्महत्या कर ली, तो उसका जिम्मेवार कौन होगा?”
क्या है मामला
महिला सिपाही सविता पाठक की डेंगू से राजधानी के एक अस्पताल में मौत के बाद पुलिस लाइन में सहयोगी महिला पुलिसकर्मियों ने काफी बवाल मचाया था. उसके बाद राज्रू सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 175 पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. वहीं, सविता पाठक को पर्याप्त छुट्टी नहीं देने पर तीन पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया है.

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