सांसद पप्पू यादव पर इन कारणों से राजद व जदयू के निशाने पर आये, पढ़े क्या है मामला

पटना : बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को भारत बंद के समर्थन में पटना के आयकर गोलंबर पर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान तेजस्वी ने कहा कि केंद्र सरकार महंगाई पर लगाम नहीं लगा पाई. इसके साथ ही तेजस्वी ने सांसद पप्पू यादव पर भी हमला बोला. तेजस्वी ने कहा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 10, 2018 7:09 PM

पटना : बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को भारत बंद के समर्थन में पटना के आयकर गोलंबर पर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान तेजस्वी ने कहा कि केंद्र सरकार महंगाई पर लगाम नहीं लगा पाई. इसके साथ ही तेजस्वी ने सांसद पप्पू यादव पर भी हमला बोला. तेजस्वी ने कहा कि बंद के दौरान सांसद पप्पू यादव के समर्थकों द्वारा बसों और कारों के सीसे तोड़ेने के हरकत को साजिश करार दिया. पप्पू यादव असल में बीजेपी के एजेंट हैं. वे भारत बंद को बदनाम करने के लिए इसमें शामिल हुए. बिहार विधानसभा के लिए 2015 में हुए चुनाव के दौरान भी पप्पू यादव ने बीजेपी के एजेंट के रूप में काम किया था.

दूसरी ओर, जनता दल (यूनाइटेड) ने सांसद पप्पू यादव द्वारा मुजफ्फरपुर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर के खिलाफ की गयी आपत्तिजनक टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि सांसद भारत बंद के दौरान मधुबनी जाकर नारी बचाने की यात्रा करने वाले थे. ऐसे में मुजफ्फरपुर में एक महिला अधिकारी का चरित्र हनन कर नारी को बचाने का क्या संदेश देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर में अगर उन पर हमला किया गया था तो किसी थाने में प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज कारवाई गयी. साजिश के तहत हत्या का आरोप तो कई लोगों पर लगा दिया. उच्च न्यायालय जाने की बात कर ली. जद (यू) प्रवक्ताओं पर मानहानी का मामला दर्ज करवाने तक की धमकी दे डाली. किसी थाने में जाकर हमले की प्राथमिकी दर्ज नहीं कारवाई .

जदयू प्रवक्ता ने कहा कि पप्पू यादव की धमकी से जदयू डरने वाला नहीं है. वास्तविकता यही है कि उनका तो इतिहास है और जिस दल में वह रहे हैं, उसकी परछाई अब भी उनका पीछा कर रही है. इससे छुटकारा नहीं मिल सका है. मुजफ्फरपुर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एक महिला अधिकारी हैं और उन्हें अपने कर्तव्यों के पालन करने का विवेक भी है. ऐसे में अनर्गल आरोप और राजनीति के लिए किसी अधिकारी को मोहरा बनाना किसी भी जनप्रतिनिधि को शोभा नहीं देता.

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