रेखा मोदी पर बोले उपमुख्यमंत्री, कहा- रेखा ने मुझ पर मुकदमा कर रखा है

पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मीसा भारती, चन्दा, रोहिणी आदि तेजस्वी यादव की सात सगी बहने हैं जो लालू परिवार की सभी छ: खोखा कंपनियों तथा दर्जनों बेनामी संपत्ति एवं अनेक प्रकार के व्यवसायों में उनकी बराबर की हिस्सेदार हैं जबकि, रेखा मेरी दो दर्जन चचेरी–ममेरी बहनों में से एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2018 9:48 PM

पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मीसा भारती, चन्दा, रोहिणी आदि तेजस्वी यादव की सात सगी बहने हैं जो लालू परिवार की सभी छ: खोखा कंपनियों तथा दर्जनों बेनामी संपत्ति एवं अनेक प्रकार के व्यवसायों में उनकी बराबर की हिस्सेदार हैं जबकि, रेखा मेरी दो दर्जन चचेरी–ममेरी बहनों में से एक है. जिसने मेरे ऊपर घरेलू हिंसा से जुड़ा एक मुकदमा भी दायर कर रखा था. इस मामले में वर्ष 2011 में न्यायालय ने मुझे दोषमुक्त करार दिया.

मोदी ने कहा कि रेखा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पटना से भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार शनितिन नवीन के विरूद्ध वर्ष 2010 में चुनाव लड़ चुकी है़ 2010 में ही वह पटना की तत्कालीन डीएसपी शीला ईरानी की वर्दी फाड़ने के आरोप में सात दिनों के लिए जेल में भी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि रेखा ने अपने भाई-भतीजा व अन्य परिवारजनों तथा पड़ोसियों पर दर्जन भर मुकदमा कर रखा है. वह कहां रहती है और कौन-सा व्यापार करती है, इसके बारे में मुझे न तो कोई जानकारी है और न ही उसके साथ मेरा कोई संबंध है.

जिन्होंने अपराध का राजनीतिकरण किया वे किस मुंह से इसे मुद्दा बना रहे हैं
दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि जिनके 15 साल के राज में हत्या, बलात्कार, लूटपाट, डकैती और फिरौती के लिए अपहरण की घटनाओं के कारण प्रदेश में उद्योग-व्यापार ठप हो गया था वे आज अपराध की चुनिंदा घटनाओं को बढ़ा-चढ़ा कर राज्य की छवि खराब कर रहे हैं. उन्हें नहीं दिखता कि अब गाड़ी की खिड़की से बंदूक की नाल निकाल कर चलने वाले अपराधियों का जमाना लद चुका है. राज्य की एनडीए सरकार की सख्ती से एक साल में आपराधिक घटनाओं में 22 से 23 फीसदी की कमी आयी और सजा दिलाने की दर में 6.27 फीसद की वृद्धि हुई. जिन्होंने अपराध का राजनीतिकरण किया वे किस मुंह से इसे मुद्दा बना रहे हैं.

मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि राज्य सरकार शिक्षा पर सबसे ज्यादा जोर दे रही है. इसलिए 34000 करोड़ का बजट रखा गया है. स्टूटेंड कार्ड योजना लागू कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी छात्र पैसे के अभाव में उच्च शिक्षा से वंचित न रहे. अब स्कूली शिक्षा की विसंगतियां दूर करने के लिए निजी स्कूलों मनमानी फीस पर अंकुश लगाने की तैयारी है. सरकारी स्कूलों की पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने के उपाय किये जा रहे हैं ताकि गरीब परिवारों के बच्चे पीछे न रह जाये. शिक्षा क्षेत्र के विकास से ही ज्ञान की भूमि बिहार का मान बढ़ेगा.

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