बिहार के नियोजित शिक्षकों को समान कार्य समान वेतन पर SC में आज की सुनवाई पूरी, 23 अगस्त को होगी अगली सुनवाई

पटना : बिहार के नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई समाप्त हो गयी. अब इस मुद्दे पर अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी. राज्य के 3 लाख 70 हजार नियोजित शिक्षकों को फैसले का इंतजार है. बिहार के लगभग पौने चार लाख नियोजित शिक्षकों को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 21, 2018 1:12 PM

पटना : बिहार के नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई समाप्त हो गयी. अब इस मुद्दे पर अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी. राज्य के 3 लाख 70 हजार नियोजित शिक्षकों को फैसले का इंतजार है. बिहार के लगभग पौने चार लाख नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 21 अगस्त को न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे और उदय उमेश ललित की खंडपीठ में सुनवाई हुई. मंगलवार को शिक्षक संगठनों की ओर से अधिवक्ता सीएस सुंदरम, अधिवक्ता कपिल सिब्बल आदि ने अपनी दलील पेश की. सुनवाई के दौरान शिक्षकों का पक्ष रखते हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि नियोजित शिक्षक भी उतना ही काम करते हैं इसके साथ ही उनकी योग्यता भी उतनी है जितनी स्थायी शिक्षकों की हैं.

बता दें कि इससे पहले बीती 16 अगस्त को हुई सुनवाई में शिक्षक संगठनों के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट में शिक्षक संगठनों का पक्ष रखते हुए नियोजित शिक्षकों के लिए समान काम के बदले समान वेतन की मांग उठाई थी.सिब्बल ने कोर्ट में संविधान की धाराओं का हवाला देकर कहा था कि कोई भी सरकार आर्थिक कारणों का हवाला देकर मानव अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकती है. उन्होंने बहस के बाद सीएस सुंदरम ने अपनी बात रखनी शुरू की थी. जानकारी के मुताबिक आज की सुनवाई में सुंदरम अपनी बात आगे बढ़ाएंगे. आज होने वाली सुनवाई में भाग लेने के लिए शिक्षा के प्रधान सचिव आरके महाजन, उप निदेशक अमित कुमार, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी रविशंकर दिल्ली रवाना हो गए हैं. विदित हो कि बिहार सरकार की ओर से बहस पूरी हो चुकी है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कई सुनवाई हो चुकी है. न्यायाधीश एएम सप्रे और यूयू ललित की कोर्ट में सुनवाई चल रही है.

केंद्र और राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा था कि सरकार समान वेतन देने की आर्थिक स्थिति में नहीं है. केंद्र सरकार की ओर से एटार्नी जनरल वेणु गोपाल ने कोर्ट को बताया कि समान वेतन देने में 1 लाख 36 हजार करोड़ का अतिरिक्त भार केंद्र सरकार पर पड़ेगा, जो वहन करना संभव नहीं है. बिहार में शिक्षकों को समान वेतन दिए जाने पर अन्य राज्यों से भी यह मुद्दा उठेगा.

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