बिहार : फिजियोथेरेपिस्ट की कमी के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से किया जवाब-तलब

पटना : राज्य में फिजियोथेरेपिस्ट की कमी के मामले में पटना हाइकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है. चीफ जस्टिस एमआर शाह की खंडपीठ ने सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने के लिए कहा हा कि राज्य में इनके कितने स्वीकृत पद हैं और कितने रिक्त पद हैं. राज्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2018 3:30 PM

पटना : राज्य में फिजियोथेरेपिस्ट की कमी के मामले में पटना हाइकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है. चीफ जस्टिस एमआर शाह की खंडपीठ ने सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने के लिए कहा हा कि राज्य में इनके कितने स्वीकृत पद हैं और कितने रिक्त पद हैं. राज्य सरकार को जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का कोर्ट ने समय दिया है. तीन सप्ताह बाद मामले पर सुनवाई की जायेगी. मुख्य न्यायाधीश एमआर शाह की खंडपीठ ने रंजीत कुमार यादव की जनहित याचिका को सुनते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया है कि 2014 के बिहार राज्य फिजियोथेरपिस्ट व एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट कानून के आलोक में कुल फिजियो व एक्यूप्रेशर थेरपिस्ट के स्वीकृत पदों की संख्या और रिक्तियों की फेहरिस्त कोर्ट में पेश करे.

याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया है कि 1995 के बाद राज्य के किसी भी सरकारी अस्पतालों में फिजियो की बहाली नहीं की गयी है. यहां तक कि राज्य सरकार ने 2014 में कानून बनाने के बाद भी सदर व जिला अस्पतालों में फिजियो व एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट की बहाली नहीं कर रही है. हाइकोर्ट ने मामले को जनहित में गंभीर पाते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.

वहीं, बिहार के पुलिस थानों में प्राथमिकी दर्ज होते ही उसे 24 घंटे के अंदर ही राज्य पुलिस के वेबसाइट पर अपलोड नहीं किये जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से एक हफ्ते में जवाब देने का आदेश दिया है. मुख्य न्यायाधीश एमआर शाह की खंडपीठ ने एडवोकेट धनंजय कुमार की जनहित याचिका को सुनते हुए उक्त आदेश दिये. मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी.