पटना की गलियों में बेलगाम हैं लॉज, पैसा दीजिए, सबकुछ कीजिए

पटना : राजधानी के हृदय स्थली में मौजूद होटल, लॉज, रेस्टोरेंट तो पुलिस के टारगेट पर रहते हैं. अक्सर रजिस्टर चेकिंग, दबिश, तलाशी होती रहती है, लेकिन पुलिस की नजर तंग गलियों में मौजूद लॉज और होटल पर नहीं जाती है जहां बेधड़क सबकुछ होता है. जी हां, सुनने में थोड़ा अटपटा जरुर लगेगा लेकिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2018 5:23 AM
पटना : राजधानी के हृदय स्थली में मौजूद होटल, लॉज, रेस्टोरेंट तो पुलिस के टारगेट पर रहते हैं. अक्सर रजिस्टर चेकिंग, दबिश, तलाशी होती रहती है, लेकिन पुलिस की नजर तंग गलियों में मौजूद लॉज और होटल पर नहीं जाती है जहां बेधड़क सबकुछ होता है. जी हां, सुनने में थोड़ा अटपटा जरुर लगेगा लेकिन यह साेलह आने सच है. दरअसल पॉश इलाकों के अलावा गलियों में भी हॉस्टल और लॉज खुल गये हैं. गलियों के लाॅज बेहद खतरनाक साबित हो रहे हैं.
यहां अपराधी प्रवृति के लोग अय्याशी का अड्डा बना रखे हैं. स्थानीय थाने को मैनेज कर लाॅज के मालिक शराब-शवाब की छूट देते हैं और बदले में लेते हैं मोटा पैसा. यहां रहने वाले अराजक तत्व शराब की पार्टी करते हैं, लड़कियों को बुलाकर अय्याशी करते हैं लेकिन पुलिस आंखें मूंदे रहती है. खास करके मलाहीपकड़ी, बहादुरपुर, जक्कनपुर, रामकृष्णानगर, और पटना सिटी के अन्य इलाकों में यह धंधा खूब चलता है.
सिर्फ शराब और अय्याशी ही नहीं बल्कि इस तरह के लॉज बड़े अपराधियों का भी अड्डा साबित हो चुका है. वर्ष 2016 में रामकृष्णानगर में एक लॉज से 12 केन बम बरामद किये गये थे. इसके लिए दिल्ली से एनआईए की टीम आयी थी और सभी केन बम को दीदारगंज इलाके में ले जाकर डिफ्यूज किया गया था.यह केन बम पीएलएफआई संगठन के थे, बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए यह तैयारी की गयी थी.
राज बनकर ही रह जाती है लड़कियों की मौत
पीरबहोर, कदमकुआं, जक्कनपुर समेत पटना सिटी इलाकों में अक्सर लॉज व हॉस्टल में रहनेवाली लड़कियों की मौत होती है. जिसे सुसाइड बताया जाता है. लेकिन उनके मौत का असली राज क्या है यह राज ही रह जाता है. पुलिस बहुत इंट्रेस्ट नहीं लेती है, लड़की के मामले में उसके परिवारवाले भी सुसाइड मान लेते हैं, लेकिन, सूत्रों की मानें तो यह मौत सामान्य नहीं है, बल्कि लॉज, हॉस्टल संचालक की लापरवाही का नतीजा होता है. लाॅज में बाहरी लोगों का आना-जाना होता है. अन्य तमाम गतिविधियों पर रोक नहीं लगायी जाती है. बस पैसा लेकर लॉज के मालिक खामोश हो जाते हैं.

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