पटना : अन्ना हजारे ने जेपी के घर से किया करो या मरो का उद्घोष, कहा, मैं अविवाहित हूं, तुम शादी कर बड़ा घर बनाओ

पटना : छात्र आंदोलन की ऐतिहासिक तारीख पर समाजसेवी अन्ना हजारे ने रविवार को जयप्रकाश नारायण के घर (चर्खा समिति) से करो या मरो का उद्घोष किया. लोगों को सत्याग्रह की ताकत और आजादी के लिए जिम्मेदारी का एहसास कराया. लोकपाल की नियुक्ति, किसानों की समस्या और चुनाव सुधार के लिए दिल्ली में धरना करने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 19, 2018 7:44 AM
पटना : छात्र आंदोलन की ऐतिहासिक तारीख पर समाजसेवी अन्ना हजारे ने रविवार को जयप्रकाश नारायण के घर (चर्खा समिति) से करो या मरो का उद्घोष किया. लोगों को सत्याग्रह की ताकत और आजादी के लिए जिम्मेदारी का एहसास कराया. लोकपाल की नियुक्ति, किसानों की समस्या और चुनाव सुधार के लिए दिल्ली में धरना करने जा रहे अन्ना हजारे ने 23 मार्च को दिल्ली चलो का नारा देते हुए कहा कि इस बार लड़ाई करो या मरो वाली है. इसके लिए मैं जेपी के घर में आशीर्वाद लेने आया हूं.
उन्होंने कहा कि जेपी के सपने वाला लोकतंत्र नहीं आया. अंग्रेजों के जाने से हुआ क्या, उनकी जगह काले आ गये. वही लूट, वहीं गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार है. कुछ लोगों का ध्यान काम से अधिक कैमरे पर है. आंदोलन की सफलता के लिए युवाओं से बढ़ चढ़कर भाग लेने को कहा. अन्ना हजारे अपने आंदोलन में जन भागीदारी बढ़ाने के लिए देश भर की यात्रा पर निकले हैं. पटना में उनकी 41वीं सभा थी.
मैं अविवाहित हूं, तुम शादी कर बड़ा घर बनाओ
आंदोलन में युवाओं से भागीदारी निभाने का आह्वान करने वाले अन्ना हजारे सामाजिक सुधार को लेकर भी चिंतित दिखे. युवाओं से कहा कि मेरी तरह बैचलर नहीं रहें. जेपी को आदर्श मानें. शादी करो और बड़ा घर बनाओ. बड़ा घर का मतलब पूरे देश को अपना घर बनाओ.
युवाओं को सलाह दी कि वह अपने आचार और विचार को शुद्ध रखें. जीवन को निष्कलंक बनाएं. त्याग के साथ अपमान पीने की भी शक्ति रखें. इस तरह युवाओं को कुल पांच टिप्स दिये.
नीतीश अच्छे आदमी, पर संगत के दबाव में हैं
समाजसेवी अन्ना हजारे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अच्छी सोच और अच्छा काम करने वाला व्यक्ति बताया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जिस संगत के साथ हैं, अब उसके दबाव को सहन करना पड़ रहा है. रविवार को पटना में अन्ना हजारे सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 23 मार्च को लोकपाल और किसानों के मुद्दों को लेकर दिल्ली में धरना का आयोजन किया गया है.
इसके लिए वह बिहार में जन समर्थन जुटाने पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि सभी पक्ष व पार्टियां सत्ता से पैसा, और पैसा से सत्ता के पीछे घूम रही हैं. हमारा आंदोलन इस व्यवस्था परिवर्तन को लेकर है. लोकपाल को लेकर पूछे गये सवाल पर उनका कहना था कि मनमोहन सरकार ने कमजोर बिल बनाया. मोदी सरकार उसको और कमजोर कर रही है
उन्होंने कहा कि देश में किसानों की दशा सुधारने के लिए कृषि मूल्य आयोग को वित्त और चुनाव आयोग की तरह ही स्वायत्तशासी संस्था बनाने की जरूरत है. इसमें किसानों को भी सदस्य के रूप में शामिल किया जाये.
अपने आंदोलन को सत्ता से परे बताया. अन्ना से जब यह पूछा गया कि वह जेपी के घर से आंदोलन की बात कर रहे हैं लेकिन पूर्व के आंदोलन के बाद का वक्त गवाह है कि जेपी के चेले भी भटक गये आैर आपके चेले भी भटक गये. इस पर अन्ना का कहना था कि जो भटक गये उनको भटकने दो. लोकतंत्र के लिए सरकारों पर जन को अपना दबाव बनाना होगा.

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