बिहार : मोटापे की जीन पर काबू पाने के लिए रिसर्च कर रहे आईजीआईएमएस के डॉक्टर, यह जीन है मोटापे का कारण

पटना : मोटापे से परेशान लोगों के लिए यह राहत भरी सूचना है, क्योंकि मोटापे पर काबू पाने के लिए शहर के कुछ वरिष्ठ चिकित्सक खास चिकित्सीय अध्ययन कर रहे हैं. दरअसल शहर के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) का फिजियोलॉजी विभाग मोटापे को नियंत्रित करने के लिए मोटापा बढ़ाने वाले जीन सी-5 और 2 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 14, 2018 6:18 AM
पटना : मोटापे से परेशान लोगों के लिए यह राहत भरी सूचना है, क्योंकि मोटापे पर काबू पाने के लिए शहर के कुछ वरिष्ठ चिकित्सक खास चिकित्सीय अध्ययन कर रहे हैं. दरअसल शहर के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) का फिजियोलॉजी विभाग मोटापे को नियंत्रित करने के लिए मोटापा बढ़ाने वाले जीन सी-5 और 2 में पायी जाने वाली एक खास प्रोटीन की सक्रियता की पड़ताल कर रहा है.
चिकित्सकों को इस प्रयास से काफी उम्मीदें हैं.
खास जीन की ब्लड में उपस्थिति की वजह का पता लगाया जा रहा है. इसके जरिये मरीज के मोटापे और मेटाबॉलिक सिंड्रोम से होने वाली समस्याओं का पहले ही अनुमान लगाया जा सकता है.
यह होगा फायदा : डॉक्टरों की मानें, तो रिसर्च पूरा होने के बाद आम लोगों के लिए काफी फायदेमंद होगा. इसके बाद लोग अपने जीन के बारे में अच्छे से जान पायेंगे. तब इलाज के माध्यम से कम किया जायेगा.
इस रिसर्च के पूरा होने के बाद हृदय रोग, शुगर, हाई बीपी और स्ट्रोक जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलना हो सकता है संभव
फिजियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि मोटापे से हृदय, शूगर, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक आदि कई बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. इस रिसर्च में मोटापा बढ़ने से पहले ही अनुमान लगाया जा सकता है. इससे मोटापे से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है.
यह जीन है मोटापे का कारण
फिजियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने बताया कि जीन सी 5 एल 2 में अधिक एपीएस प्रोटीन बनता है. अगर यह प्रोटीन किसी व्यक्ति में तय मात्रा से अधिक पायी गयी तो उसका मोटापे तेजी से बढ़ता है. इतना ही नहीं अगर यह प्रोटीन शरीर में अधिक बढ़ जाये, तो डायबिटीज जैसी बड़ी बीमारियां भी होती हैं. यही वजह है कि अधिकांश मोटापे वाले लोगों में डायबिटीज की समस्या पायी जाती है, जो शरीर के लिए काफी खतरनाक है. रिसर्च को छह माह के अंदर पूरा कर लिया जायेगा.
आईजीआईएमएस के लैब में एपीएस प्रोटीन की जांच एलाइजा किट से की जायेगी. अगर जांच में ब्लड से अधिक प्रोटीन की मात्रा पायी गयी, तो डॉक्टर उन्हें तुरंत लाइफ स्टाइल में बदलाव करने को बोलेंगे. डॉक्टरों की मानें तो इस एपीएस प्रोटीन को कम करने के लिए कसरत, व्यायाम, योग, दौड़, पैदल चलने आदि की सलाह देंगे. इस शारीरिक व्यायाम के अलावा कुछ दवाओं से डॉक्टर प्रोटीन को कम करेंगे. इससे जहां मोटापा कम होगा वहीं रोगों से भी बचा जा सकता है.
बिहार में हर 5वें इंसान में मोटापा
मोटापे पर हुए अध्ययन के मुताबिक बिहार में 80 से 90 किलो वजन वाले अधिक लोग हैं. प्रदेश में हर पांचवा इंसान मोटापे से ग्रस्त है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मोटापे के कारण मस्तिष्क और हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में परत जमने लगती है, जिससे एथरोसेलेरोसिस होने की आशंका 10 गुणा बढ़ जाती है. इतना ही नहीं पेट रोग के अलावा उच्च रक्तचाप, मधुमेह, जोड़ों का दर्द, सांस लेने में समस्या, कैंसर, मेटाबॉलिक सिंड्रोम आदि रोगों के होने का खतरा अधिक हो जाता है. अगर अधिक वजन है, तो तुरंत कम करना चाहिए.
-डॉ मनोज कुमार, पेट रोग विशेषज्ञ
क्या कहते हैं अधिकारी
अस्पताल में आ रहे मरीजों में मोटापे की समस्या अधिक देखने को मिल रही है. इस कारण ब्लड प्रेशर, शुगर थायराइड, खर्राटे, पैर में सूजन व दम फूलने की बीमारी सामने आ रही है. यह रिसर्च जनहित से जुड़ा है और इसके अच्छे परिणाम भी आयेंगे. मेटाबॉलिक सिंड्रोम के हाेने का पहले अनुमान लगाया जा सकता है. कई रोगों से भी बचा जा सकता है.
-डॉ मनीष मंडल, चिकित्सा अधिकारी, आईजीआईएमएस

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