बिहार के मौसम का यह ट्रेंड है खतरनाक, 16 दिसंबर तक बढ़ सकती है ठंड, जानें क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ

रविशंकर उपाध्याय पटना : बिहार में दिसंबर का महीना आधा खत्म हो गया है लेकिन गर्म कपड़े घर की अलमारियों में पड़े हुए हैं. जो निकले हुए थे वह भी धोकर वापस वहीं जा रहे हैं, क्योंकि मौसम का हाल बेहाल है. जिस मौसम में ठंड अपने चरम पर होता है, उस मौसम में सुबह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 15, 2017 6:16 AM
रविशंकर उपाध्याय
पटना : बिहार में दिसंबर का महीना आधा खत्म हो गया है लेकिन गर्म कपड़े घर की अलमारियों में पड़े हुए हैं. जो निकले हुए थे वह भी धोकर वापस वहीं जा रहे हैं, क्योंकि मौसम का हाल बेहाल है.
जिस मौसम में ठंड अपने चरम पर होता है, उस मौसम में सुबह से कड़ी धूप निकल रही है और व्यक्ति गर्मी के कपड़ों में देर शाम तक दिखाई दे रहा है. मौसम में आये इस बदलाव की पूरे राज्य में चर्चा हो रही है. आखिर ठंड कहां गयी? तापमान इतना अधिक क्यों दर्ज किया जा रहा है? पर्यावरणविद और मौसम विज्ञानी कहते हैं कि मौसम में चेंज तो पहले भी दिखाई देता रहा है लेकिन यह क्लाइमेट चेंज है, जिसमें तापमान लगातार बढ़ता जाता है. पहले देर से ठंड आती थी या बहुत पहले भी उसकी दस्तक दे देती थी लेकिन यह परिवर्तन नॉर्मल नहीं है.
14-15 °C का रहेगा अंतर, दिसंबर महीने में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में
-पर्यावरणविदों की मानें तो हालात यही रहे तो होगी स्वास्थ्य की समस्याएं, फसल पर भी पड़ेगा बुरा प्रभाव
– डॉक्टर व्यू: बच्चों और बुजुर्गों को सावधानी रखने की आवश्यकता- मौसम के विशेषज्ञ कहते हैं कि यही पैटर्न बरकरार रहा तो सेहत से जुड़ी समस्याएं आएंगी. प्रमुख फिजिसियन डॉ मनोज कुमार सिन्हा कहते हैं कि इस साल जो परिवर्तन है जो काफी ज्यादा है.
पिछले पांच दिनों में नाॅर्थ और नॉर्थ इस्ट इंडिया में ऐसा ही मौसम है. गुवाहाटी से लेकर दिल्ली और पटना तक यह ट्रेंड दिखाई दे रहा है. दिल्ली में बारिश भी हुई, लेकिन ठंड नहीं हुई. पटना में यह व्यापक असर है जो बरसों से देखने को नहीं मिली है. तापमान अधिक है, लेकिन खास कर बच्चों और बुजुर्गों को हल्के गर्म कपड़े जरुर पहनना चाहिए, ताकि इस परिवर्तन से आप प्रभावित नहीं हो पाएं.
कहते हैं विशेषज्ञ
– ये केवल लोकल चेंज नहीं, क्लाइमेट चेंज है: पर्यावरणविद पद्मश्री रविंद्र कुमार सिन्हा कहते हैं कि दिसंबर मध्य की स्थिति में ऐसा मौसम अलार्मिंग है. जम्मू और कश्मीर के साथ हिमाचल प्रदेश में स्नो फॉल भी देर से हुआ है, यह अवस्था क्लाइमेट चेंज की है. नार्थ इंडिया में प्रदूषण भी काफी ज्यादा है इसके कारण यह बदलाव देखा जा रहा है.
– क्लाइमेट चेंज में हमें विकल्पों पर सोचना होगा: पर्यावरणविद् अशोक कहते हैं कि बिहार में कृषि बेस्ड इकोनॉमी है और हम पानी के लिए मौसम पर निर्भर करते हैं. क्लाइमेट चेंज के कारण हम क्या विकल्प अपनाएं यह भी सोचना होगा, क्योंकि इसके कारण बहुत सी फसल नॉन प्रोडक्टिव हो जायेगी. चाहे मौसम कोई भी हो.
16 दिसंबर तक बढ़ सकती है ठंड
पटना मौसम विभाग के पूर्वानुमान में पंद्रह दिसंबर के बाद न्यूनतम पारा में गिरावट व ठंड बढ़ने की बात कही गयी थी, लेकिन गुरुवार को पछुआ तेज होने के बाद भी बिहार में न्यूनतम व अधिकतम तापमान में अधिक गिरावट नहीं हुई.
पटना का न्यूनतम पारा 13.8 एवं अधिकतम पारा 27.9 डिग्री तक गया. इसके अलावा गया का न्यूनतम पारा 13.2 व अधिकतम 27.6 डिग्री, भागलपुर 12.7 व 28.0 डिग्री एवं पूर्णिया 12 व 27.1 डिग्री तक गया. अनुमान है कि 16 दिसंबर से मौसम ठंडा होगा. शुक्रवार से न्यूनतम पारा 0.5 या एक डिग्री तक गिरने की संभावना है.

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