पटना हाइकोर्ट का बालू पर बड़ा फैसला, पुराने नियमों पर जारी रहेगा खनन, प्रधान सचिव को फटकार

पटना : राज्य में बालू का संकट बरकरार है. सभी निर्माण कार्य ठप हैं. इधर, राजद की ओर से बालू-गिट्टी को लेकर सरकार के बनाये नियम का विरोध जारी है. आज राजद ने सड़कों पर उतरकर इसके खिलाफ प्रदर्शन भी किया. उधर, पटना हाइकोर्ट ने बालू खनन को लेकर एक बड़ा फैसला दिया है. हाइकोर्ट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 11, 2017 5:10 PM

पटना : राज्य में बालू का संकट बरकरार है. सभी निर्माण कार्य ठप हैं. इधर, राजद की ओर से बालू-गिट्टी को लेकर सरकार के बनाये नियम का विरोध जारी है. आज राजद ने सड़कों पर उतरकर इसके खिलाफ प्रदर्शन भी किया. उधर, पटना हाइकोर्ट ने बालू खनन को लेकर एक बड़ा फैसला दिया है. हाइकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि क्यों नहीं खनन विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक के खिलाफ अदालती अवमानना का मामला चलाया जाये ?

गौर हो कि हाइकोर्ट ने बालू खनन से संबंधित नये कानून पर 27 नवंबर 2017 तक रोक लगा दिया था, उसके बाद भी प्रधान सचिव केके पाठक ने हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद कानून का उल्लंघन कर आदेश पारित करते रहे. हाइकोर्ट ने केके पाठक को फटकार लगाते हुए कहा कि इस तरह अधिकारी ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया और यह कैसे कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि केके पाठक द्वारा 27 नवंबर 2017 के बाद पारित सभी आदेशों पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया है.

पटना हाइकोर्ट ने सुनवाई में यह भी साफ स्पष्ट किया कि खनन संबंधी सभी आदेश और कार्य असंशोधित कानून के अनुसार ही फिलहाल जारी रहेगा. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. 18 दिसंबर को इस मामले पर दोबारा सुनवाई होगी जिसमें के के पाठक को इस मुद्दे पर सफाई देनी होगी. इससे पूर्व हाइकोर्ट द्वारा बिहार सरकार द्वारा बालू गिट्टी और मिट्टी के खनन, बिक्री और परिवहन के लिए बनाए गए नए नियमावाली पर रोक लगाया था.

पूर्व में मुख्य न्यायाधीश के कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील द्वारा इस नये नियमावली में कई खामियों को उजागर किया गयाथा. बिहार सरकार द्वारा राज्य में अवैध खनन और माफिया का इस कारोबार में वर्चस्वखत्म करने के लिए नये नियम बनाये गये थे. राज्य सरकार इसफैसले के खिलाफ जल्द सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की बात कही थी. यह मामला पूर्व में भाजपा विधायक दल के बैठक में भी उठाथा. जहां कई विधायकों की शिकायत थी कि बालू उपलब्ध ना होने के कारण पूरे राज्य में निर्माण कार्य ठप पड़ा हैं.

हालांकि उस वक्त राज्य के उप मुख्य मंत्री सुशील मोदी ने भरोसा दिलाया कि जल्द इसकी समस्याखत्म होगी और सब कुछ सामान्य हो जायेगा, लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद इसकी संभावना कम हो गयी थी. बिहार में जब महागठबंधन की सरकार थी तब बालू का कारोबारखासकर अवैध कारोबारियों को राजद अध्यक्ष लालू यादव पर जनता दल यूनाइटेड का आरोप था कि समर्थन प्राप्त था. लालू ने बालू के कारोबारियों के खिलाफ हुई पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया था.

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