NTPC ने भागलपुर में नहर बांध टूटने के आरोप को बेबुनियाद कहा, नयी बहस शुरू

भागलपुर : एनटीपीसी ने बिहार के भागलपुर में नहर का बांध टूटने के आरोप को बेबुनियाद और सच्चाई से परे बताया है. सिंचाई के लिए गंगा नदी पंप नहर के नीचे से सार्वजनिक पैदल पार पथ बनाये जाये के कारण उसके बांध की दीवार के गत 19 सितंबर को अचानक टूट जाने के आरोप को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 22, 2017 10:26 AM

भागलपुर : एनटीपीसी ने बिहार के भागलपुर में नहर का बांध टूटने के आरोप को बेबुनियाद और सच्चाई से परे बताया है. सिंचाई के लिए गंगा नदी पंप नहर के नीचे से सार्वजनिक पैदल पार पथ बनाये जाये के कारण उसके बांध की दीवार के गत 19 सितंबर को अचानक टूट जाने के आरोप को एनटीपीसी ने बेबुनियाद बताया है. एनटीपीसी ने आज जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि वह भारत सरकार की महारत्न कंपनी है जो अपनी साख और जिम्मेदारी से भली भांति अवगत है. जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कल इस हादसे के सभी पहलुओं की जांच की बात करते हुए एनटीपीसी द्वारा बनायी गयी उक्त नहर के नीचे से गुजरने वाले पथ की दीवार के कमजोर हो जाने कारण यह हादसा होने की आशंका जतायी थी. मंत्री ने उस पथ के निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लिये जाने को लेकर भी शंका जतायी थी.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि उक्त सार्वजनिक पथ का निर्माण राज्य सिंचाई विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर बनाया गया था और उसका नक्शा पटना के बोरिंग रोड स्थित मेसर्स अल्म्यूनस टेक्नॉलाजी द्वारा बनाया गया था. एनटीपीसी ने कहा है कि इसके आसपास के इलाके में बारिश के मौसम में पानी का रिसाव हुआ करता था जिससे सिंचाई विभाग पूरी तरह अवगत था. उल्लेखनीय है कि इस परियोजना का कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उद्घाटन किये जाने के पूर्व गत 19 सितंबर को शाम करीब 4.30 बजे ट्रायल रन के दौरान बांध की दीवार के अचानक टूटने से कहलगांव स्थित एनटीपीसी टाउनशिप सहित आवासीय इलाके में पानी प्रवेश कर गया था. इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री के उद्घाटन कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था. जल संसाधन मंत्री ने कल विभागीय प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह को मामले की जांच के आदेश दिए थे.

इस नहर का निर्माण 1985-88 के बीच किया गया था. बिहार और झारखंड के एक बडे कृषि भूभाग को सिंचित किए जाने की भागलपुर जिले के बटेश्वरस्थान में गंगा नदी पर 389.31 करोड़ रुपये की लागत वाली गंगा नदी पंप नहर परियोजना के जरिये भागलपुर में 18620 हेक्टयर तथा झारखंड के गोड्डा जिला की 4038 हेक्टयर भूमि सिंचित होगी. इस परियोजना द्वारा 27603 हेक्टयर भूमि को सिंचित किया जा सकता है जिसमें से 22816 हेक्टयर बिहार एवं 4887 हेक्टयर झारखंड के भूखंड शामिल हैं. इस परियोजना के बांध के टूटने पर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद प्रमुख लालू प्रसाद और जदयू के बागी नेता शरद यादव ने नीतीश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए इसे भ्रष्टाचार का जीता जागता सबूत बताया था.

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