बिहार सृजन घोटाला : लोक सेवकों ने मिलकर लूटा खजाना, इन सफेदपोशों की संपत्ति होगी जब्त

पटना : सृजन घोटाले में अब तक जिन लोगों के नाम सामने आये हैं या गिरफ्तारी हुई है, उनमें अधिकतर लोक सेवक हैं. इन भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ जल्द ही बिहार पुलिस पीसी (प्रीवेंशन ऑफ करप्शन) एक्ट के तहत मामला दर्ज करने जा रही है. यह नया मामला चार्जशीट दायर होने के पहले तक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 24, 2017 7:23 AM
पटना : सृजन घोटाले में अब तक जिन लोगों के नाम सामने आये हैं या गिरफ्तारी हुई है, उनमें अधिकतर लोक सेवक हैं. इन भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ जल्द ही बिहार पुलिस पीसी (प्रीवेंशन ऑफ करप्शन) एक्ट के तहत मामला दर्ज करने जा रही है. यह नया मामला चार्जशीट दायर होने के पहले तक दर्ज हो जायेगा. यानी इस घोटाले में फंसे भ्रष्ट लोक सेवकों की संपत्ति का जब्त होना तय माना जा रहा है. इसकी प्रक्रिया में जितना भी समय लगे. इस मामले में अब तक 13 एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं. सभी में जिन-जिन भ्रष्ट लोक सेवकों के नाम आ चुके हैं, उन्हें सम्मिलित करते हुए पीसी एक्ट के अंतर्गत एक नयी एफआइआर दर्ज की जायेगी.
अब तक पीसी एक्ट में दर्ज नहीं हुआ मामला
सृजन घोटाले की जांच बिहार पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) की टीम संयुक्त रूप से कर रही है. अब तक जितनी भी एफआइआर दर्ज की गयी है, उनमें पीसी एक्ट के तहत एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है. हालांकि, इन मामले में जो धाराएं लगायी गयी हैं, वे सभी गंभीर और गैर-जमानतीय हैं.
फिर भी बिना पीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज हुए लोक सेवकों की संपत्ति जब्त नहीं की जा सकती है. यह धारा मुख्य रूप से लोक सेवकों पर ही लगायी जाती है. हालांकि, कुछ विशेष परिस्थिति में किसी लोक सेवक के साथ फंसे सामान्य व्यक्ति पर भी यह धारा लगायी जा सकती है.
लेकिन, राज्य पुलिस की जांच अभी इस ढर्रे पर चल रही है कि पहले इसमें शामिल सभी अभियुक्तों को खोज-खोज कर निकालो और इन पर एफआइआर करके जेल भेजो. फिर भ्रष्ट लोक सेवकों पर अलग से पीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर संपत्ति जब्ती की कार्रवाई शुरू की जाये.
ऐसे भी इस मामले को जैसे ही सीबीआइ टेक-ओवर करेगी, वैसे ही इसमें पीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज हो जायेगा. लोक सेवकों के अलावा इसमें शामिल अन्य स्तर के लोगों की भी संपत्ति बिहार क्रिमिनल लॉ एक्ट, 2005 के अंतर्गत जब्त होगी.
इस मामले में एडीजी (मुख्यालय) एसके सिंघल का कहना है कि घोटाले में शामिल सभी लोक सेवकों पर अलग से संयुक्त रूप से पीसी एक्ट के तहत एक नया मामला दर्ज किया जायेगा. पहले सभी लोक सेवकों के नाम उजागर कर लिये जाएं. वर्तमान एफआइआर में पीसी एक्ट इसलिए नहीं लगाया जा सका है कि इसमें लोक सेवकों के साथ-साथ आम लोगों के भी नाम हैं.
कुछ अधिकारियों की पैरवी भी आने लगी अभियुक्तों के लिए
इस घोटाले के तार कई अधिकारियों से लेकर बड़े सफेदपोशों तक जुड़े हुए हैं. एमवी राजू या राजू सिंगर की गिरफ्तारी के लिए एसआइटी की टीम कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ एक आइपीएस अधिकारी इसकी पैरवी भी करने में जुटे हुए हैं. वह वर्तमान में वेटिंग फॉर पोस्टिंग पर चल रहे हैं, लेकिन पहले एक जिले के एसपी हुआ करते थे. इन्होंने राजू सिंगर के लिए एसपी और संबंधित जांच अधिकारी को फोन करके कहा कि राजू के मामले में थोड़ी रहम बरती जाये. वह अच्छा आदमी है, उसे परेशान नहीं किया जाये. हालांकि, उनकी पैरवी का कितना असर हुआ, यह तो स्पष्ट नहीं हो पाया है.

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