बैंक नहीं, अब सोसाइटी के जरिये दिये जायेंगे स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड
राज्य सरकार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के प्रावधान में बदलाव करने जा रही है. 12वीं पास छात्र-छात्राओं को आगे पढ़ने के लिए अब बैंकों से नहीं, बल्कि सोसाइटी के जरिये चार लाख रुपये तक का ऋण दिया जायेगा. इसके लिए जल्द ही सोसाइटी का गठन होगा. जब तक सोसाइटी नहीं बनेगी, तब तक बैंकों से […]
राज्य सरकार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के प्रावधान में बदलाव करने जा रही है. 12वीं पास छात्र-छात्राओं को आगे पढ़ने के लिए अब बैंकों से नहीं, बल्कि सोसाइटी के जरिये चार लाख रुपये तक का ऋण दिया जायेगा.
इसके लिए जल्द ही सोसाइटी का गठन होगा. जब तक सोसाइटी नहीं बनेगी, तब तक बैंकों से ही ऋण िमलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकों से जो अपेक्षाएं की गयी थीं, उसमें वे खरे नहीं उतर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के साथ-साथ पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना चालू रखने का निर्देश दिया.
अब हाइ-प्लस टू स्कूलों में इ-लर्निंग के माध्यम से होगी पढ़ाई
मुख्य सचिव ने बताया कि हाइ व प्लस टू स्कूलों में गणित, विज्ञान और अंगरेजी के शिक्षक नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में इ-लर्निंग के जरिये स्कूलों में पढ़ाई की जायेगी. पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्कूलों में पैन ड्राइव के जरिये गणित के फॉर्मूले, विज्ञान के सिद्धांत और अंगरेजी के बारे में बताया जायेगा. जब तक शिक्षक नहीं मिलते हैं, इसे चलाया जायेगा और भविष्य में और बेहतर किया जायेगा.
अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षक नहीं मिलने में सबसे बड़ी समस्या आ रही है कि एमएससी के साथ बीएड या एमएड किये अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं. केंद्र सरकार से मांग की जायेगी कि जब तक ऐसे अभ्यर्थी नहीं मिलते हैं, तब तक एमएससी पास को ही मौका दें. साथ ही गेस्ट फैकल्टी के रूप में अगर कोई इंजीनियरिंग पास हैं या सेवानिवृत्त हैं, तो उन्हें भी मौका दिया जायेगा.
