बढ़ते वाहनों से बढ़ रहा वायु प्रदूषण का खतरा

पटना : बिहार में हर दिन वाहनों की संख्या बढ़ रही है. 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 तक करीब आठ लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ. इनमें से अधिकांश में बीएस-3 मॉडल के इंजन हैं. इनसे निकलने वाले धुएं में हाइड्रोकार्बन की मात्रा अधिक रहती है जिससे वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. केवल राजधानी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 5, 2017 7:52 AM
पटना : बिहार में हर दिन वाहनों की संख्या बढ़ रही है. 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 तक करीब आठ लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ. इनमें से अधिकांश में बीएस-3 मॉडल के इंजन हैं. इनसे निकलने वाले धुएं में हाइड्रोकार्बन की मात्रा अधिक रहती है जिससे वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. केवल राजधानी पटना में ही प्रदूषण का स्तर मानक से करीब पांच फीसदी अधिक है. भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की वित्तीय वर्ष 2015-16 की रिपोर्ट के अनुसार पटना तारामंडल के आसपास शहर की वायु गुणवत्ता को देश में सबसे घातक करार दिया है. यहां प्रति घनमीटर 60 माइक्रोग्राम की मान्य सीमा की जगह कई मौकों पर 280 माइक्रोग्राम पाये गये.
इसका सबसे बड़ा कारण वाहनों की संख्या में इजाफा होना है. एक अप्रैल, 2011 को पटना में 2.34 लाख वाहन रजिस्टर्ड थे, जो 31 मार्च, 2016 में बढ़कर 6.74 लाख हो गये. इनमें बीएस-3 इंजन इस्तेमाल हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने एक अप्रैल 2017 से बीएस-3 इंजन वाले वाहनों की बिक्री पर रोक लगा दी. साथ ही कहा कि इसके बाद पर्यावरण के मानकों पर खरा उतरने वाले केवल बीएस-4 मॉडल के इंजन ही बनाये और बेचे जायेंगे. परिवहन के साधन वायुमंडल में 80 प्रतिशत तक वायु प्रदूषण के हिस्सेदार हैं.
डीजल से चलने वाले बीएस-3 वाहन
बीएस-3 इंजन वाले डीजल चालित ट्रकों और बसों से कार्बन मोनो ऑक्साइड का उत्सर्जन 2.1 ग्राम/किलोवाट प्रति घंटा, हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन 0.66 ग्राम/किलोवाट प्रति घंटा, नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन 5.0 ग्राम/किलोवाट प्रति घंटा और पार्टीकुलेट मैटर का उत्सर्जन 0.10 ग्राम/किलोवाट प्रति घंटा होता है.
डीजल से चलने वाले हल्के बीएस-3 वाहन
बीएस-3 इंजन वाले डीजल चालित हल्के वाहनों से कार्बन मोनो ऑक्साइड का उत्सर्जन 0.64 ग्राम/किलोवाटघंटा, हाइड्रोकार्बन और नाइट्रोजन ऑक्साइड के मिश्रण का उत्सर्जन 0.56 ग्राम/किलोवाट प्रति घंटा, नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन 0.50 ग्राम/किलोवाट प्रति घंटा और पार्टीकुलेट मैटर का उत्सर्जन 0.05 ग्राम/किलोवाट प्रति घंटा होता है.
पेट्रोल से चलने वाले बीएस-3 वाहन
बीएस-3 इंजन वाले पेट्रोल चालित वाहनों से कार्बन मोनो ऑक्साइड का उत्सर्जन 2.3 ग्राम/किलोवाट प्रति घंटा, हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन 0.20 ग्राम/किलोवाट प्रति घंटा, नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन 0.15 ग्राम/किलोवाट प्रति घंटा और पार्टीकुलेट मैटर का उत्सर्जन 0.05 ग्राम/किलोवाट प्रति घंटा होता है.
प्रदूषित शहरों की सूची
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 13 भारत के हैं. इनमें राजधानी दिल्ली सबसे ऊपर, इसके बाद पटना, रायपुर और ग्वालियर हैं. भारत के लिए जारी टॉप-25 की सूची में बिहार के दो शहर शामिल हैं. इनमें 12वें नंबर पर पटना और 24वें पर मुजफ्फरपुर है.

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