लोन दिलाने की नाम पर ठगी करने वाले दो साइबर अपराधी गिरफ्तार, कई दस्तावेज बरामद

NAWADA NEWS.साइबर पुलिस ने वारिसलीगंज के दो अलग-अलग ठिकाने से दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. जिसके पाससे ठगी की कई दस्तावेज भी पुलिस ने बरामद किये हैं. जानकारी के अनुसार साइबर प्रतिबिंब पोर्टल पर दिख रहे मोबाइल नंबरों की आधार पर छापेमारी में सफलता मिली है.

By VISHAL KUMAR | August 14, 2025 6:16 PM

वारिसलीगंज के मिरबिगहा और फ़तहा गांव से पकड़े गये दोनों साइबर अपराधी

प्रतिनिधि, नवादा कार्यालय

साइबर पुलिस ने वारिसलीगंज के दो अलग-अलग ठिकाने से दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. जिसके पाससे ठगी की कई दस्तावेज भी पुलिस ने बरामद किये हैं. जानकारी के अनुसार साइबर प्रतिबिंब पोर्टल पर दिख रहे मोबाइल नंबरों की आधार पर छापेमारी में सफलता मिली है. साइबर पुलिस उपाधीक्षक प्रिया ज्योति ने बताया कि प्रतिबिंब पोर्टल पर दिख रहे नंबरों पर एसपी की निर्देश पर बनायी गयी एसआइटी ने वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के मिरबिगहा और फ़तहा गांव में छापेमारी की. जिसमें मीरबिगहा गांव निवासी श्रवण पासवान के बेटे विवेक कुमार और फ़तहा गांव के एक ठिकाने से इंद्रदेव पासवान के बेटे उदय कुमार को गिरफ्तार किया गया. इन दोनों के पास ठगी की चार मोबाइल, पांच एटीएम, दो पेन कार्ड, एक वोटर कार्ड, एक लैपटॉप, विभिन्न बैंक के आठ पासबुक, तीन पेज की फर्जी डेटा सीट, आधार कार्ड, पेन कार्ड, आइडी, श्रम कार्ड, आरसी सहित तीन बाइक जब्त की गयी. साइबर पुलिस उपाधीक्षक के अनुसार गिरफ्तार दोनों आरोपितों ने साइबर अपराध को कबूल करते हुए बताया कि रिलायंस और बजाज फाइनेंस से सस्ते दर पर लोन दिलाने की नाम पर भोले भाले लोगो को कॉल कर उसे विश्वास में लेकर ठगी करते थे. फिलहाल दोनों पर बीएनएस की विभिन्न धाराओं में व 66बी/66सी/66डी की तहत साइबर थाना कांड 131/25 की तहत प्राथमिकी दर्ज कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.

कार्रवाई के बाद भी नहीं थम रहा साइबर अपराध

बता दें कि साइबर अपराध में वारिसलीगंज थाना क्षेत्र जिले में अव्वल रहता है. शायद ही कोई गांव होगा, जहां साइबर ठगी नहीं होता है. रुपये की लालच में नाबालिग से लेकर महिलाएं भी बढ़ चढ़ कर इन गोरखधंधे में शामिल हैं. इस इलाके के साइबर अपराधियों ने पूरे देश में लोगों को चुना लगाया है, जिससे लाखो करोड़ों की संपति अर्जित की है. कई साइबर अपराधी इडी की भी नजर में है. करीब आधा दर्जन साइबर अपराधी की कुल अर्जित संपत्ति की कुर्की जब्ती प्रक्रिया भी हो चुकी है. इसके बावजूद साइबर अपराध रुकने की नाम नहीं ले रहा है.

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