हज रजिस्ट्रेशन की डेट 31 अगस्त तक केंद्रीय मंत्री से बढ़ाने की मांग

Nawada news. भारतीय हज कमेटी ने इस साल हज-2026 के लिए आवेदन भरने में थोड़ी जल्दबाजी की है. 2025 हाजियों की वापसी पूरी भी नहीं हुई थी कि अगले साल के लिए फॉर्म भरने की घोषणा कर दी गयी.

By VISHAL KUMAR | August 10, 2025 5:44 PM

कई लोग हो रहे हैं रजिस्ट्रेशन के वंचित, अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने बैठक कर रखी अपनी मांग फोटो- बैठक में शामिल सदस्य. प्रतिनिधि, नवादा कार्यालय भारतीय हज कमेटी ने इस साल हज-2026 के लिए आवेदन भरने में थोड़ी जल्दबाजी की है. 2025 हाजियों की वापसी पूरी भी नहीं हुई थी कि अगले साल के लिए फॉर्म भरने की घोषणा कर दी गयी. ये बातें मजलिस उलेमा के जिलाध्यक्ष मौलाना अजमल कादरी ने बैठक में कहीं. रविवार को आयोजित बैठक में केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरण रिजिजू से मांग की गयी कि कि हज रजिस्ट्रेशन की तिथि 31 अगस्त तक बढ़ा दी जाये. बहुत से लोगों का रजिस्ट्रेशन बाकी रह गया है, क्योंकि पासपोर्ट लेट से मिला है. इसकी तिथि नहीं बढ़ने से बिहार स्टेट हज कमेटी को मिला हुआ कोटा आधा से ज्यादा खाली रह जायेगा. बैठक में तमाम बिंदुओं पर विचार किया गया. जमीयत उलमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अबू सालेह नदवी ने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. हमेशा हज से लौटने के बाद यह समीक्षा की जाती थी कि हाजियों को दी जाने वाली सुविधाओं में क्या सुधार हुआ और कहां कमी रह गयी. अगर हाजियों को वह सुविधा नहीं मिल पाती, जिसके लिए उनसे शुल्क लिया गया था या किसी जायज कारण से कोई हाजी हज का इरादा छोड़ देता था, तो उसके पैसे वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती थी. इतना ही नहीं, एक समीक्षा सम्मेलन भी आयोजित किया जाता था. इस बार इन कार्य को स्थगित कर दिया गया और हज 2026 के लिए फॉर्म भरने की घोषणा कर दी गयी, जबकि नये साल का फॉर्म हाजियों की वापसी के ढाई या तीन महीने बाद जारी किया जाता था. हज समिति की यह जल्दबाजी हाजियों को परेशान कर रही है. पूर्व वार्ड पार्षद शोएब राजा ने कहा कि कई हाजियों को पासपोर्ट की समस्या होती है. पासपोर्ट जल्दी बनवाना इतना आसान नहीं है. खर्चों का इंतजाम भी करना ही पड़ता है, लेकिन सब कुछ इतनी जल्दी-जल्दी हो रहा है कि हाजियों का एक बड़ा वर्ग आवेदन करने से चूक गया है. हाजी जुबेर ने कहा कि हज यात्रा में काफ़ी खर्च होता है. अगर एक परिवार के चार सदस्य हज पर जाने का इरादा रखते हैं, तो 13-14 लाख रुपये तक खर्च होते हैं. पैसा समय पर जमा करना भी सबके लिए आसान नहीं होता. कार्यालय सचिव मुफ्ती इनायतुल्लाह काजमी ने बताया कि हज कमेटी का कहना है कि यह जल्दबाज़ी सऊदी सरकार की ओर से की जा रही है. अगर ऐसा है, तो उसे बताया जाना चाहिए कि सऊदी सरकार ने क्या समय सीमा तय की है. अल्लामा इकबाल अकेडमी के डायरेक्टर इरशाद बल्कि ने कहा कि हज समिति की स्थापना का मुख्य उद्देश्य हज यात्रियों का कल्याण और उन्हें हज की व्यवस्थाओं में आवश्यक सुविधाएं व मार्गदर्शन प्रदान करना है. बैठक में मुफ्ती सबाहुद्दीन, अरशद सरदार, प्रो अतीक अहमद, जावेद अख्तर, शकील अहमद, आरिफ हुसैन खान, तस्लीमुद्दीन, कारी फैजल हक, कारी अनवर जकी, निहाल उद्दीन साबरी, सदरुल इस्लाम, मास्टर शकील अख्तर, मास्टर जाहिद अनवर, नसीमुद्दीन बड़े बाबू, मास्टर कमरुद्दीन आदि मौजूद थे.

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