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राजगीर में लौंगलता बनाते दिखे ACS एस सिद्धार्थ, बोले- सीखने की उम्र नहीं होती

Bihar News: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ का कहना है कि सीखने की न तो कोई उम्र होती है न ही कोई सीमा, हम एक छात्र की भूमिका में ही अपने जीवन की सर्वश्रेष्ठता को प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आइए, हम भी अपने सीखने की चाह को जिंदा रखें और अपने सपनों को साकार करें.

By Ashish Jha | June 19, 2025 7:13 AM
राजगीर में लौंगलता बनाते दिखे ACS एस सिद्धार्थ, बोले- सीखने की उम्र नहीं होती

Bihar News: राजगीर. लौंग लता यूपी-बिहार और बंगाल की स्पेशल मिठाई है. राजगीर पहुंचे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ चाय पीने के लिए जब एक दुकान पर पहुंचे तो उनकी नजर कड़ाही में तले जा रहे लौंग लता पर गई. एस सिद्धार्थ ने दुकानदार से पूछा कि क्या बना रहे हो? दुकानदार ने कहा कि लौंग लता बना रहे हैं सर..फिर एस सिद्धार्थ पहले देखते हैं कि दुकानदार लौंग लता कैसे बनाता है, फिर खुद लौंग लता बनाने लगते हैं और उसे कराही में छानने भी लगते हैं. यह देखकर वहां हर कोई हैरान रह जाता है. फिर वहां कुल्हड़ की चाय पी कर एस सिद्धार्थ रवाना हो जाते हैं.

लोगों को नहीं हो रहा था विश्वास

एस सिद्धार्थ के रवाना होने के बाद इस बात की चर्चा इलाके में होनी शुरू हो जाती है कि एस सिद्धार्थ सर आए हुए थे और उन्होंने खुद अपने हाथों से लौंग लता बनाया और उसे कराही में छाना, लेकिन किसी को इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा था. तब वहां मौजूद लोगों ने अपने मोबाइल से बनाए गये वीडियो को दिखाया. तब जाकर वहां मौजूद लोगों को पता चला कि ये कोई आम इंसान नहीं हैं, बल्कि बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ थे. दुकानदार भी यह बात जानकर हैरान रह गया कि उनके सामने आईएएस अधिकारी खड़े थे.

1991 बैच के अधिकारी हैं डॉ. एस सिद्धार्थ

डॉ. एस. सिद्धार्थ 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव के साथ साथ बिहार की शिक्षा विभाग का दायित्व भी उनके कंधों पर हैं. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के तौर पर एस सिद्धार्थ अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. बिहार में ध्वस्त हो चुकी शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने में वह पूरी ईमानदारी के साथ लगे हुए हैं और बिहार की शिक्षा व्यवस्था को और भी बेहतर कैसे किया जाए, इसको लेकर लगातार प्रयास कर रहे हैं. बड़े अधिकारी होने के बावजूद एस. सिद्धार्थ की सादगी लोगों को ध्यान बरबस ही अपनी तरफ खींच लेती है. सरकार में बड़े पद पर होने के बावजूद उनका स्वभाव बिल्कूल सरल और शौम्य है.

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