जांच में विलंब होने पर दिव्यांगों का हंगामा

बिहारशरीफ : सदर अस्पताल परिसर में सोमवार को दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनवाने के लिए विकलांगों की भीड़ उमड़ पड़ी. दिव्यांग लोग अपने-अपने आवश्यक कागजात लेकर लाइन में कतारबद्ध हो गये. हालांकि विकलांगता प्रमाणपत्र बनवाने आये लोगों ने जांच में विलंब होने पर नाराजगी जतायी व हंगामा किया. बाद में मेडिकल बोर्ड ने दिव्यांगों की जांच शुरू […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 19, 2019 6:57 AM

बिहारशरीफ : सदर अस्पताल परिसर में सोमवार को दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनवाने के लिए विकलांगों की भीड़ उमड़ पड़ी. दिव्यांग लोग अपने-अपने आवश्यक कागजात लेकर लाइन में कतारबद्ध हो गये. हालांकि विकलांगता प्रमाणपत्र बनवाने आये लोगों ने जांच में विलंब होने पर नाराजगी जतायी व हंगामा किया.

बाद में मेडिकल बोर्ड ने दिव्यांगों की जांच शुरू की. बारी-बारी से मेडिकल बोर्ड के डॉक्टरों ने दिव्यांगों की जांच की. हड्डी विशेषज्ञ ने 34 विकलांगों की जांच की. इन दिव्यांगों को अब दिव्यांगता प्रमाणपत्र जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्गत किया जायेगा.
इएनटी दिव्यांगों को हुई परेशानी
दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनवाने आये नाक, कान व गला के दिव्यांगों को निराशा हाथ लगी, क्योंकि सदर अस्पताल में नाक, कान व गला रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक का पद रिक्त पड़ा है. लिहाजा ऐसे दिव्यांगों की जांच मेडिकल बोर्ड में नहीं हो सकी. इएनटी के दिव्यांग निराश होकर वापस लौट गये.
मालूम हो कि अस्पताल के नाक, कान व गला ओपीडी में एक चिकित्सक पूर्व में तैनात थे. लेकिन, सरकार द्वारा डॉक्टरों के तबादला रद्द होने के बाद इस ओपीडी में तैनात इएनटी विशेषज्ञ पूर्व के पदस्थापित वाले अस्पताल में चले गये. लिहाजा सदर अस्पताल के इएनटी ओपीडी में विशेषज्ञ का पद खाली हो गया.
इसी का परिणाम है कि दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनवाने आये इएनटी के दिव्यांगों को निराशा हाथ लगी. मेडिकल बोर्ड में सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ कृष्णा, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ संतोष कुमार ने दिव्यांगों की जांच की. उन्होंने बताया कि जिन दिव्यांगों की जांच मेडिकल टीम ने की है, उन्हें अब दिव्यांगता प्रमाणपत्र निर्गत किया जायेगा.

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