जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को यात्री विवश

बिहारशरीफ : ऑटो एवं बसों पर क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाकर ले जाना आम बात हो गयी है. बसों पर तो यह हाल है कि जितनी सवारी सीट पर बैठते हैं, उससे अधिक सवारी खड़े जाते हैं और बस की छतों पर सवार होकर जाते हैं. इससे तो बुरा हाल ऑटो का रहता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2019 6:51 AM

बिहारशरीफ : ऑटो एवं बसों पर क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाकर ले जाना आम बात हो गयी है. बसों पर तो यह हाल है कि जितनी सवारी सीट पर बैठते हैं, उससे अधिक सवारी खड़े जाते हैं और बस की छतों पर सवार होकर जाते हैं. इससे तो बुरा हाल ऑटो का रहता है. जिस पर सीट से ज्यादा यात्री को ऊपर बैठाकर ले जाता है. परिवहन विभाग जिले में शिथिल प्राय: हो गयी है.

शायद बहुत बड़ी दुर्घटना होने का इंतजार में परिवहन विभाग है, तभी धड़ल्ले से जांच अभियान एवं दो दिन चलाकर इतिश्री कर लेगा. बिहार-अस्थावां पथ, बिहार-नूरसराय पथ, परवलपुर-बेन पथ, बिहार-रहुई-नियाय पथ में चलनेवाले ऑटो पर तो क्षमता से दोगुनी सवारी ढोया जाता है, जो कि कभी भी बड़ी दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है.
आमलोगों को ऑटो पर यात्रा करने में काफी डर लगा रहता है लेकिन मजबूरी है कि बिहारशरीफ से घर कैसे जाये. ऑटो चलानेवालों के पास न तो वैध ड्राइविंग लाइसेंस रहता है और न ही बीमा सहित अन्य वैध कागजात ही, जिससे दुर्घटना होने पर मृतक को बीमा राशि का लाभ नहीं मिल पाता है.
बसों पर तो सीट पर यात्री सवार रहते हैं. उससे अधिक यात्री तो भेड़ बकरी की तरह अंदर में ही यात्री खड़े होकर यात्रा करने को मजबूर रहते हैं. परिवहन विभाग के नये एक्ट के लागू होने के बाद सीट बेल्ट एवं दो पहिया वाहनवालों के हेलमेंट की जांच वृहत्त पैमाने पर की गयी. प्रतिदिन हजारों रुपये का जुर्माना वसूला गया.
परिवहन विभाग को नये एक्ट में यह भी प्रावधान है कि सवारी वाहनों पर क्षमता से अधिक यात्री ढोने पर जांच अभियान में पकड़े जाने पर प्रति यात्री एक हजार रुपये जुर्माना वाहन मालिक से लेने का प्रावधान है. अफसोस की बात है कि परिवहन विभाग ने अब तक एक भी सवारी वाहन की जांच नहीं की और न ही जुर्माना वसूल किया. इससे ऑटो और बसमालिकों की मनमानी काफी बढ़ी हुई है. मुख्यमंत्री का गृह जिला है, जहां परिवहन विभाग के आदेशों एवं नियमों की धज्जियां दिनदहाड़े उड़ रही हैं. फिर भी परिवहन विभाग सुस्त ही नहीं, सुप्तावस्था में है.
जबकि परिवहन पदाधिकारी ने तीन माह पूर्व ही बसमालिकों के साथ बैठक की थी. इसमें क्षमता से अधिक सवारी नहीं बैठाने का सख्त निर्देश दिया था, लेकिन आदेश को रद्दी की टोकरी में फेंककर बस मालिक ने ठेंगा दिखा दिया. इसके बाद भी जिला परिवहन पदाधिकारी ने कोई कदम नहीं उठाये. जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज कुमार ने कहा कि एक्ट का अक्षरश: पालन किया जाता है. बहुत जल्द ही सवारी वाहनों की सघन जांच की जायेगी. ऑटो की जांच की जायेगी, जो भी पकड़े जायेंगे, उनसे जुर्माना वसूल किया जायेगा. साथ परमिट रद्द करने की भी कार्रवाई की जायेगी.