बिहारशरीफ शहर के कई मोहल्लों में भी टैंकर से हो रही पेयजल की आपूर्ति

बिहारशरीफ : भीषण गर्मी में जिलावासियों की प्यास बुझाने में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) के पसीने छूट रहे हैं. जल स्तर के खिसकने से ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के लिए गाड़े गये चापाकल बेकाम होते जा रहे हैं. इसके कारण सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों गांव व कस्बों में पेयजल संकट पैदा हो गया है. इन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2019 8:13 AM

बिहारशरीफ : भीषण गर्मी में जिलावासियों की प्यास बुझाने में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) के पसीने छूट रहे हैं. जल स्तर के खिसकने से ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के लिए गाड़े गये चापाकल बेकाम होते जा रहे हैं. इसके कारण सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों गांव व कस्बों में पेयजल संकट पैदा हो गया है. इन इलाकों के लोगों की प्यास बुझाने में पीएचइडी अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रहा है.

ऐसे गांव व टोलों में टैंकर व ट्रैक्टर से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है. जिले के करीब चार दर्जन से अधिक गांवों व टोलों में पानी की किल्लत की सूचना के बाद इन गांव व टोलों में पीने का पानी उपलब्ध कराने की अहम जिम्मेदारी है. सीमित संख्या में टैंकर की व्यवस्था रहने के कारण पीएचइडी भाड़े के ट्रैक्टर पर 1000 लीटर का वाटर टैंक रखकर उन गांवों में पेयजल उपलब्ध कराने में जुटा है.
पीएचइडी के बिहारशरीफ प्रमंडल के अंतर्गत 30 टैंकर व ट्रैक्टर से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है, वहीं हिलसा प्रमंडल में 16 टैंकर व ट्रैक्टर से गांव व टोलों में पेयजल की आपूर्ति की जा रही है. पानी की किल्लत वाले गांव व टोलों की संख्या में लगातार इजाफा होने से विभाग की बेचैनी बढ़ी हुई है. लोगों की प्यास बुझाने के लिए विभाग जी-तोड़ मेहनत करने में जुटा है.
जिले के 280 वार्डों में ग्रामीण जलापूर्ति योजना से मिल रहा पानी
जिले में 46 ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के माध्यम से 175 वार्डों में पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके अलावा सिलाव व राजगीर बहुग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना से जिले के 60 वार्डों में पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. साथ ही एकल ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना के माध्यम से जिले के 45 वार्डों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है.
इंसान के साथ पशुओं की प्यास बुझाने में भी जुटा है पीएचइडी
मानव जीवन की प्यास बुझाने के साथ ही पशुओं की प्यास बुझाने का प्रयास भी पीएचइडी कर रहा है. इसके लिए जिले के चिह्नित स्थानों पर जहां पशुओं का आवागमन अधिक होता है, वहां पर कैटल ट्रफ (नाद) का निर्माण कर उसमें पानी भरा जा रहा है. इसके लिए वहां बोरिंग की गयी है तथा उसमें सोलर पंप लगाये गये हैं.
बिहारशरीफ प्रमंडल में इन स्थानों पर बनाये गये हैं कैटल ट्रफ (नाद)
नूरसराय प्रखंड : उच्च विद्यालय चंडासी के पास, नूरसराय पशु चिकित्सालय परिसर, बेगमपुर मेहंदीनगर
गिरियक प्रखंड : गाजीपुर पंचायत सरकार भवन के पास, चोरसुआ बैरीगंज पैक्स गोदाम के पास
हरनौत प्रखंड : पचौरा पंचायत भवन के पास, रहुई के अंबा में पंचायत सरकार भवन के पास
हिलसा प्रखंड : कामता गांव में, मलावां गांव में
एकंगरसराय प्रखंड : सोनियावां गांव में, केशोपुर गांव में, तेल्हाड़ा बाजार में
इस्लामपुर प्रखंड : शरीफाबाद गांव में, मोहनचक गांव में
चंडी प्रखंड : रूखाई गांव में, बढ़ौना गांव में
थरथरी प्रखंड : थरथरी बाजार में, सलेमपुर गांव में
नगरनौसा प्रखंड : दामोदरपुर गांव में
परवलपुर प्रखंड : शंकरडीह गांव (कार्य अपूर्ण)
प्यास बुझाने का हर संभव प्रयास कर रहा पीएचइडी
इस भीषण गर्मी में मानव जीवन के साथ ही पशुओं की प्यास बुझाने की अहम जिम्मेदारी पीएचइडी की है. विभाग इसके लिए हर संभव प्रयास करने में जुटा है. जिस गांव व टोले से पीने के पानी की किल्लत की जानकारी मिलती है, वहां पानी पहुंचने की व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए टैंकर व ट्रैक्टर का प्रयोग किया जा रहा है. पशुओं की प्यास बुझाने के लिए जगह-जगह कैटल ट्रफ (नाद) बनाये गये हैं. बोरिंग व सोलर पंप के माध्यम से इन नादों में पानी भरा जा रहा है.
मनोज कुमार, कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी, बिहारशरीफ