बिहारशरीफ : नालंदा में पिछड़ाें और अतिपिछड़ाें में होगा रोमांचक मुकाबला

बिहारशरीफ : जदयू के सबसे दबदबे वाली सीट नालंदा लोकसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा में महागठबंधन ने यहां अतिपिछड़ा कार्ड खेला है. इस बार यहां फिर से पिछड़ा व अतिपिछड़ा के बीच मुख्य मुकाबला होना तय है.... हालांकि, महागठबंधन से हम के उम्मीदवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 11, 2019 4:20 AM

बिहारशरीफ : जदयू के सबसे दबदबे वाली सीट नालंदा लोकसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा में महागठबंधन ने यहां अतिपिछड़ा कार्ड खेला है. इस बार यहां फिर से पिछड़ा व अतिपिछड़ा के बीच मुख्य मुकाबला होना तय है.

हालांकि, महागठबंधन से हम के उम्मीदवार अशोक कुमार आजाद नालंदा के लिए नये चेहरे हैं, जबकि जदयू से कौशलेंद्र कुमार दो बार जीत हासिल कर चुके हैं. पहली बार जब चुनाव जीते थे, तो जीत का फासला करीब एक लाख का था, लेकिन दूसरी बार लोजपा के अतिपिछड़ा प्रत्याशी सत्यानंद शर्मा से इनकी भिड़ंत हुई तो जीत का अंतर सीधे नौ हजार पर आ गया.
इसलिए महागठबंधन को लग रहा है कि जदयू के गढ़ को ध्वस्त करने के लिए अशोक कुमार आजाद उपयुक्त हैं. दोनों गठबंधन के प्रत्याशी सामाजिक समीकरण साधने में लगे हुए हैं. हम प्रत्याशी अशोक कुमार आजाद जहां अतिपिछड़ा का बेटा बताकर वोट मांग रहे हैं, तो दूसरी ओर जदयू प्रत्याशी कौशलेंद्र कुमार जीत की हैट्रिक लगाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार के नाम पर वोट मांग रहे हैं.
जदयू का अभेद्य किला है नालंदा लोकसभा सीट
एक तरह से देखा जाये, तो नालंदा लोकसभा सीट जदयू का अभेद्य किला है, जहां समता पार्टी के काल से तीन बार स्व. जॉर्ज फर्णांडीस सांसद रह चुके हैं और वर्तमान में लगातार दो बार से कौशलेंद्र कुमार सांसद हैं. यहां एनडीए व महागठबंधन की लड़ाई को बिगाड़ने के लिए 35 प्रत्याशी मैदान में हैं.
नालंदा के चुनाव के इतिहास में पहली बार इतने प्रत्याशी मैदान में हैं. दो-चार दलों को छोड़ दें, तो करीब 30 प्रत्याशी निर्दलीय हैं, जो इन दोनों का खेल बिगाड़ सकते हैं. भीषण तपिश में यहां का चुनावी पारा भी बढ़ा हुआ है. दोनों गठबंधन के प्रत्याशी वोटरों के बीच जा तो रहे हैं, लेकिन मतदाता खामोश हैं.
खुल नहीं रहे हैं, उन्हें तो बस समय का इंतजार है. नालंदा लोकसभा में मतदाताओं की संख्या 19,51,967 है, जिनमें 10,36,575 पुरुष व 9,15,392 महिला मतदाता हैं. इस चुनाव में दोनों गठबंधनों को उनके आधार वाले वोट से भरपूर सहयोग की अपेक्षा है. दोनों एक-दूसरे के वोट बैंक में सेंधमारी कर रहे हैं. लेकिन, जातीय गोलबंदी से ही तय होगा कि नालंदा का विजेता इस बार कौन बनेगा.