मुख्यमंत्री वाहन चालक कल्याण योजना के तहत मिलेगी पूर्ण सुरक्षा
Complete security will be provided under the Chief Minister's
मुख्यमंत्री वाहन चालक कल्याण योजना के तहत मिलेगी पूर्ण सुरक्षा – एनएच किनारे सड़क निर्माण एजेंसी शेड, पार्किंग आदि की करेगी व्यवस्था – प्रत्येक माह स्वास्थ्य जांच को लगेगा नि:शुल्क कैंप, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा जायेगा. वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर मुख्यमंत्री वाहन चालक कल्याण योजना के तहत कॉमर्शियल वाहन चालकों को सरकार द्वारा बहुत सी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. सड़क सुरक्षा के तहत दुर्घटनाओं को कम करने को लेकर राज्य से निर्गत वैद्य ड्राइविंग लाइसेंस धारक (ट्रक, बस, ऑटो, टैक्सी आदि) व उनके परिवार को सामाजिक व आर्थिक उन्नयन व कार्य कुशलता में वृद्धि के लिए इस योजना को शुरू किया गया है. जिसकी जिला स्तरीय कमेटी के सदस्य सचिव डीटीओ होंगे. इस संबंध में एसटीसी ने अधिसूचना जारी की है. जिसके तहत चालकों को विशिष्ट आइडी कार्ड मिलेगा. योजना के तहत चालकों को पोशाक, गाड़ी चलाने का पुन नि:शुल्क प्रशिखण, स्वास्थ्य जांच व सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करायी जायेगी. इसके लिए ऐसे चालकों को चिह्नित कर विभाग द्वारा तय फॉरमेट में सूची उपलब्ध कराने को कहा गया है. इसके लिए चालक बिहार के निवासी हो, बिहार के किसी जिले से ड्राइविंग लाइसेंस जारी होना चाहिए, आयु 18 से 60 साल, किसी भी तरह के व्यवसायिक वाहन चलाते हो इन्हें इस योजना का ला भ मिलेगा. चालकों के नियमित स्वास्थ्य जांच प्रत्येक माह के अंतिम दिवस को होगा. जिसकी व्यवस्था डीएम के पर्यवेक्षण में सीएस करेंगे. नेत्र जांच व चश्मे का वितरण होगा. ड़क किनारे महत्वपूर्ण जगहों पर चालक शेड व शौचालय की व्यवस्था होगी. पोशाक योजना के तहत सूबे में एक लाख चालकों को पोशाक उपलब्ध होगा. चालक व उनके परिवार को आयुष्मान योजना से लाभान्वित किया जायेगा. इसके साथ ही प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा, सुरक्षा बीमा योजना, बैंक खाता खुलेगा. सामाजिक सुरक्षा के तहत वृद्धा पेंशन से जोड़ा जायेगा. चालकों को पुन प्रशिक्षण नि:शुल्क दिया जायेगा ताकि वह सही से नियम का पालन करते हुए गाड़ी चलाये. श्रम विभाग की योजनाओं से जोड़ा जायेगा. हाइवे के किनारे एनएचएआइ और आरसीडी को शेड, पार्किंग, रेस्ट रूम आदि की व्यवस्था करेंगे. जिला कमेटी में डीएम अध्यक्ष, एसपी, सीएस, डीडब्लुओ, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा सदस्य, डीटीओ सदस्य सचिव, डीएसपी ट्रैफिक व श्रम अधीक्षक सदस्य, एमवीआइ नोडल पदाधिकारी होंगे. जिला कमेटी प्रत्येक दो माह पर इसकी बैठक कर समीक्षा करेगी.
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