बिहार में यह यूनिवर्सिटी अब बेचेगा हर्बल टूथपेस्ट, पहली बार किसी विवि का बाजार में आयेगा उत्पाद

University in Bihar: तीनों के सैंपल माइक्रोबियल जांच के लिए लखनऊ भेजे गये हैं. इसी महीने रिपोर्ट आने की उम्मीद है. ये तीनों उत्पाद पीजी केमेस्ट्री विभाग में डॉ. अभय एन श्रीवास्तव की देखरेख में तैयार किये गये हैं. बीआरएबीयू अपना प्रॉडक्ट लानेवाला राज्य का पहला विश्वविद्यालय बन जाएगा.

By Ashish Jha | June 16, 2025 12:41 PM

University in Bihar: मुजफ्फरपुर. बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी अपने पहले उत्पाद फिनाइल, माउथवॉश और टूथ पाउडर को बाजार में उतारने की तैयारी में है. तीनों के सैंपल माइक्रोबियल जांच के लिए लखनऊ भेजे गये हैं. इसी महीने रिपोर्ट आने की उम्मीद है. ये तीनों उत्पाद पीजी केमेस्ट्री विभाग में डॉ. अभय एन श्रीवास्तव की देखरेख में तैयार किये गये हैं. बीआरएबीयू अपना प्रॉडक्ट लानेवाला राज्य का पहला विश्वविद्यालय बन जाएगा.

उत्पाद पूरी तरह से हर्बल

माइक्रोबियल जांच की रिपोर्ट आने के बाद इन्हें बाजार में लांच कर दिया जायेगा. बीआरएबीयू ने पहली बार खुद के प्रयास से कोई उत्पाद तैयार किया है. प्रो. श्रीवास्तव ने बताया कि ये उत्पाद पूरी तरह से हर्बल हैं. इनमें किसी तरह का केमिकल नहीं है. पानी का इस्तेमाल किया गया है. इन उत्पादों के इस्तेमाल से किसी भी तरह के साइड इफेक्ट का खतरा नहीं रहेगा. छात्र छात्राओं में इसे लेकर काफी उत्साह दिख रहा है.

पहला संस्थान बना बीआरएबीयू

इन तीनों प्रोडक्ट के बाजार में लांच होने के बाद बिहार विवि बिहार में पहला विश्वविद्यालय होगा, जिसका कोई उत्पाद बाजार में उतरेगा. बिहार विवि में पिछले दिनों इंक्यूबेशन सेल का गठन कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने किया था. इसके बाद तत्कालीन रजिस्ट्रार प्रो. अपराजिता कृष्णा ने इस सेल में कामकाज की रूपरेखा तय की थी और फिनाइल बनाने का प्रस्ताव पास हुआ था. इसके बाद केमेस्ट्री विभाग में इन उत्पादों पर काम शुरू हुआ था.

कम कीमत पर लोगों को मिल सकेगा हर्बल उत्पाद

प्रो. श्रीवास्तव ने बताया कि यह हर्बल उत्पाद कम कीमत पर लोगों को मिल सकेगा. हालांकि, हर्बल होने से इसकी एक्सपायरी कम दिनों की होगी. इस प्रोडक्ट में नीम और तुलसी जैसे तत्वों का इस्तेमाल किया गया है. टूथ पाउडर में मीठी तुलसी का उपयोग किया गया है. विश्वविद्यालय में अन्य प्रॉडक्ट बनाने पर भी विचार चल रहा है. इससे यूनिवर्सिटी के छात्र छात्राओं में इंटरप्रेन्योरशीप की प्रवृत्ति बढ़ेगी.

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