मुजफ्फरपुर में आवारा कुत्तों की नसबंदी का टेंडर रद्द, फिर से होगा जारी
Tender for sterilization of stray dogs cancelled
::: मुजफ्फरपुर में आवारा कुत्ते और पशु बने मुसीबत, लोगों में दहशत
::: खटाल संचालकों की सबसे ज्यादा मनमानी, दूध निकाल पशु को छोड़ देते हैं सड़क पर
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने का मुजफ्फरपुर नगर निगम का प्रयास एक बार फिर बाधित हो गया है. लगभग तीन साल से चल रही यह कवायद फिर विफल साबित हुई है, क्योंकि कुत्तों की नसबंदी और एंटी-रेबीज टीकाकरण के लिए जारी किया गया टेंडर रद्द कर दिया गया है. इस बार पॉलिसी में बदलाव के साथ टेंडर निकाला गया था, लेकिन केवल एक एजेंसी द्वारा आवेदन करने के कारण इसे रद्द करने का निर्णय लिया गया. अब नगर निगम नये सिरे से दोबारा टेंडर जारी करेगा, जिसके बाद ही शहर में आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी-रेबीज टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हो पायेगी. दूसरी तरफ, मुजफ्फरपुर शहर और इसके आसपास के इलाके में आवारा कुत्तों और पशुओं का आतंक बढ़ता जा रहा है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं. कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. इससे छोटे स्कूली बच्चे विशेष रूप से असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. महिलाएं एवं बुजुर्ग को मॉर्निंग व इवनिंग वाक के लिए घर से निकलना मुश्किल हो गया है. नगर निगम द्वारा इस समस्या पर लगाम लगाने में ढिलाई बरतने के कारण स्थिति गंभीर होती जा रही है.
सितंबर में तीन बच्चों को नोच-नोच कर कर दिया था लहूलुहान
बीते साल के सितंबर महीने में बोचहां के साहू पट्टी मैदापुर गांव में कुत्तों की झुंड ने स्कूल जा रहे तीन बच्चों पर हमला कर दिया था. तब तीनों बच्चे गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. एक बच्चे के पीठ को पूरी तरह से नोच कर कुत्तों ने खा गया था. वहीं, दूसरे के सिर व कान को नोच दिया था. तब तीनों बच्चों का इलाज एसकेएमसीएच के सुपर स्पेशलिस्ट वार्ड में सर्जरी किया गया था. इतनी बड़ी घटना के बावजूद प्रशासन की अब तक नींद नहीं खुली है.
मिठनपुरा में भी एक चार साल की मासूम की जा चुकी है जान
तीन साल पहले मिठनपुरा में अपनी मां के साथ घर लौट रही एक चार साल की नन्ही सी मासूम बच्ची पर कुत्तों ने हमला कर दिया था. तब बच्ची मां की हाथ पकड़ जा रही थी. इस दौरान कुत्तों ने मासूम को इस कदर काटा कि मौके पर ही बच्ची ने दम तोड़ दिया था. इस घटना के बाद लोगों में काफी गुस्सा दिखा था. तब निगम की तरफ से आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने के लिए नसबंदी कराने के साथ नियमित रूप से एंटी रेबीज इंजेक्शन दिलाने की बात कही गयी थी. हालांकि, आज तक यह प्रस्ताव नगर निगम के फाइल में ही दबा है.
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