पुराने रजिस्ट्री दस्तावेजों के डिजिटलाइजेशन में सुस्ती, मुजफ्फरपुर में भी काम धीमा

Slowdown in digitization, work is slow in Muzaffarpur too

By Devesh Kumar | July 28, 2025 9:11 PM

::: टारगेट पूरा करने को सख्ती, रोज होगी प्रगति की समीक्षा; एआईजी भी होंगे शामिल

::: एजेंसी को सबसे पहले 1990 से 1995 तक के सभी दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन करना होगा पूरा

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

जिले के रजिस्ट्री कार्यालय में रखे पुराने और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को दीमक से बचाने और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन यह काम बेहद धीमी गति से चल रहा है. जिस एजेंसी को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी है, उसकी सुस्त कार्यप्रणाली के कारण सरकार का जनता को सुविधा देने का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है. हाल ही में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव सह महानिरीक्षक रजनीश कुमार सिंह ने इस मामले की समीक्षा की, तो यह स्थिति सामने आयी. इस पर निबंधक महानिरीक्षक (आईजी) ने गहरी नाराजगी जताते हुए संबंधित एजेंसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही, कार्य में तेजी लाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रमंडल के सहायक निबंधन महानिरीक्षक (एआईजी) को इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.

हर दिन शाम में वीसी के माध्यम से कार्य प्रगति की समीक्षा

आईजी ने स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि अब से प्रतिदिन शाम को वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से कार्य की प्रगति की समीक्षा की जायेगी. इस वीसी में संबंधित जिला अवर निबंधक के साथ-साथ एआईजी भी शामिल होंगे. आईजी कार्यालय से जारी निर्देश में कहा गया है कि एजेंसी को सबसे पहले 1990 से 1995 तक के सभी दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन पूरी तरह से संपन्न करना होगा. इसके बाद ही किसी अन्य वर्ष के दस्तावेजों के डिजिटलाइजेशन से संबंधित कार्य शुरू किए जायेंगे. इसके अलावा, जिन जिलों में दस्तावेजों की स्कैनिंग का काम पूरा हो चुका है, वहां अपलोडिंग और डाटा एंट्री का कार्य प्राथमिकता के आधार पर करने को कहा गया है. इस सख्ती के बाद उम्मीद है कि पुराने दस्तावेजों के डिजिटलाइजेशन का काम अब तेजी पकड़ेगा और जनता को जल्द ही इसका लाभ मिल पायेगा.

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