आयकर विभाग का सर्वे : बिना पैन नंबर के हुए रजिस्ट्री अब जांच के दायरे में
Registries without PAN number
10 लाख से अधिक की जमीन खरीदने वालों की बढ़ेगी मुश्किलें
::: बीते तीन वित्तीय वर्ष के रिकॉर्ड को खंगाल रही है इनकम टैक्स की टीम, डिप्टी कमिश्नर सहित कई वरीय पदाधिकारी सर्वे टीम में शामिल
::: दिल्ली से हो रही है मॉनिटरिंग, पटना से सर्वे को पहुंची थी टीम; देर रात तक ऑफिस में डटी थी टीम
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
जमीन की खरीद-बिक्री में टैक्स चोरी को रोकने के लिए आयकर विभाग की सेंट्रल टीम ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर के रजिस्ट्री ऑफिस में धावा बोल दिया. सुबह 10 बजे से देर रात तक चली इस कार्रवाई में 10 से अधिक अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने बीते तीन वित्तीय वर्षों (2022-23, 2023-24 और 2024-25) के सभी रिकॉर्ड खंगाले. टीम ने उन सभी जमीनों के डिजिटल डेटा को एक पेन ड्राइव में सुरक्षित कर लिया है, जिनकी खरीद-बिक्री 10 लाख रुपये से अधिक में हुई है. अब इन दस्तावेजों की गहन जांच की जायेगी. खासकर, उन मामलों की जहां पैन नंबर (परमानेंट अकाउंट नंबर) का उपयोग नहीं किया गया है या जो आयकर विभाग के पोर्टल पर दर्ज नहीं हैं. आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार, मुजफ्फरपुर समेत पटना, गया जी और भागलपुर जैसे बिहार के कई बड़े शहर जांच के दायरे में हैं. इससे पहले पटना और गया जी के निबंधन कार्यालयों का भी सर्वे किया जा चुका है. जांच के दौरान, टीम यह मिलान करेगी कि जिन लोगों ने 10 लाख रुपये से अधिक की जमीन खरीदी है. क्या उन्होंने अपने इनकम टैक्स रिटर्न में इसका जिक्र किया है या नहीं. यदि ऐसा नहीं पाया जाता है, तो ऐसे लोगों को नोटिस भेजकर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. इस अचानक हुई कार्रवाई से पूरे दिन रजिस्ट्री ऑफिस में हड़कंप मचा रहा और जमीन की खरीद-बिक्री करने वालों में डर का माहौल है.
नोटिस की तैयारी, कार्रवाई की तलवार
इस सर्वे के बाद आयकर विभाग उन सभी लोगों को नोटिस भेजेगा, जिनके नाम पर 10 लाख रुपये से अधिक की जमीन की रजिस्ट्री हुई है और टैक्स रिटर्न में इसका ब्यौरा नहीं है. अगर जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, तो सख्त कार्रवाई की जायेगी. इस कार्रवाई से मुजफ्फरपुर के कई बड़े प्रॉपर्टी डीलरों और रसूखदार लोगों की रातों की नींद उड़ गई है. यह स्पष्ट हो गया है कि अब डिजिटल रिकॉर्ड के इस युग में टैक्स चोरी करना आसान नहीं होगा और पुराने तरीकों से किए गए हर लेन-देन की जांच हो सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
