दुर्गा पूजा में तीनस्तरीय सुरक्षा : पंडालों की निगरानी ड्रोन और सीसीटीवी से होगी
Pandals to be monitored by drones and CCTV cameras
भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पुलिस की विशेष तैनाती, मनचलों पर कड़ी नजर, पूजा समितियों से 20-20 सदस्यों का पूरा ब्योरा लिया गया संवाददाता, मुजफ्फरपुर दुर्गा पूजा के दौरान शहर में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए जिला पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है. शहर में दुर्गा पूजा पंडालों की सुरक्षा तीन स्तरों में की जाएगी. इसके साथ ही, भीड़-भाड़ वाले इलाकों और पंडालों पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाएगा. बड़े पूजा पंडाल में एक पदाधिकारी व चार सिपाही व छोटे पंडाल में एक पदाधिकारी व दो सिपाही की तैनाती होगी. यह जानकारी सिटी एसपी कोटा किरण कुमार ने दी है. तीनस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था सिटी एसपी ने बताया कि दुर्गा पूजा के दौरान हर पंडाल में सुरक्षा की तीन लेयर होंगी. पहली लेयर में पूजा कमेटी के सदस्य और स्वयंसेवक मौजूद रहेंगे, जो पंडाल के भीतर की व्यवस्था संभालेंगे. दूसरी लेयर में पुलिस बल तैनात रहेगा, जो पंडाल के प्रवेश और निकास द्वार के साथ-साथ उसके आसपास के क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. तीसरी लेयर में बाइक से गश्त करने वाली टीम और सादे कपड़ों में तैनात पुलिसकर्मी शामिल होंगे. इसके अलावा स्वयं सेवकों की भी मदद ली जाएगी. सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी मेला के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर सभी बड़े पूजा पंडालों के प्रवेश और निकास द्वारों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया गया है. ये कैमरे 24 घंटे पंडाल के अंदर और बाहर की गतिविधियों पर नजर रखेंगे. इसके अलावा, जिन इलाकों में ज्यादा भीड़ होने की संभावना है, वहां ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी. इससे पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने में मदद मिलेगी. मनचलों पर विशेष नजर दुर्गा पूजा के मेला के दौरान अक्सर मनचलों की वजह से लड़कियों और महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसे देखते हुए पुलिस ने मनचलों पर लगाम लगाने के लिए विशेष योजना बनाई है. बाइक से पुलिस की टीम लगातार गश्त करेगी. सादे कपड़ों में महिला पुलिसकर्मी भी भीड़-भाड़ वाले इलाकों में तैनात रहेंगी, ताकि किसी भी तरह की छेड़खानी या अभद्रता की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जा सके. लाइसेंस के साथ 20 सदस्यों का पूरा पता इस साल पूजा का लाइसेंस देने से पहले सभी पूजा समितियों से 20-20 सदस्यों का नाम, पता और मोबाइल नंबर लिया जा रहा है. इसका मकसद यह है कि आपातकाल की स्थिति में पुलिस सीधे कमेटी के सदस्यों से संपर्क कर सकें. यह भी सुनिश्चित किया गया है कि कमेटी के सभी सदस्य पुलिस के साथ मिलकर काम करें और सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन करें.
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