फोटो लगा देंगे: प्रकृति, प्रेम और विद्रोह के अप्रतिम कवि हैं नेपाली

Nepali is the incomparable poet of rebellion

By Premanshu Shekhar | August 11, 2025 10:34 PM

दीपक 48 संवाददाता,मुजफ्फरपुर. नायटोला स्थित ‘हरीतिमा’ में उत्तर-छायावाद के शिखर कवि गोपाल सिंह नेपाली की 114 वीं जयंती मनायी गयी. नेपाली जी की काव्य-यात्रा का विवेचन करते हुए कवि-कथाकार नंदकिशोर नंदन ने कहा कि नैसर्गिक प्रतिभा के धनी गोपाल सिंह नेपाली विरल कवियों में से हैं, जिन्होंने साहित्य को स्वाभिमान की सुगंध कहा और जीवनपर्यन्त कभी कोई समझौता नहीं किया.प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार सिंह के अनुसार नेपाली जी यौवन और मस्ती के ऐसे गायक कवि हैं जिनकी कविताएं युवा तो युवा बूढ़ों में नयी उमंग और ऊर्जा भर देती हैं. भोजपुरी के कवि और नाटककार डॉ कुमार विरल ने कहा कि नेपाली जी की कवितायें आज भी लाखों लोगों की ज़ुबान से सुनने को मिल जायेंगी.प्रसिद्ध रंगकर्मी स्वाधीनदास ने उन्हें जन-प्रतिबद्ध कवि के रूप में याद करते हुए कहा कि उनकी अनेक कवितायें विश्वकवि रवीन्द्रनाथ ठाकुर की याद दिलाती हैं .कवि रमेश ऋतंभर ने नेपाली जी को बिहार का गौरव बतलाया. पुस्तकालय -विज्ञान के विद्वान और विश्वविद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ कौशल कुमार चौधरी ने कहा कि कविवर नेपाली जान-कवि आलोचकों की कृपा से अमर नहीं हुए, बल्कि उनकी कविताओं ने उन्हें अमरता प्रदान की है.जनवादी सांस्कृतिक मोर्चा के बैजू कुमार ने उनकी देश के ऊपर लिखीं कविताओं के संदर्भ को उजागर किया.इस विशेष अवसर पर मनोरमा नंदन, रंगकर्मी दिवाकर घोष आदि विशेष रूप से सम्मालित हुए.

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