Bihar News: मुजफ्फरपुर को मिली 25 करोड़ की सौगात, इन 14 वार्डों की सड़कों की बदलेगी तस्वीर

Bihar News: मुजफ्फरपुर को 25 करोड़ की सड़क विकास की सौगात मिली है. मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के तहत शहर के 14 वार्डों में 28 सड़कों का निर्माण होगा. लेकिन बाकी वार्डों को नजरअंदाज किए जाने पर सवाल उठ रहे हैं. प्रशासन ने जांच के लिए चार टीमें गठित की हैं.

By Anshuman Parashar | February 24, 2025 8:41 PM

Bihar News: मुजफ्फरपुर शहर में मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के तहत 28 सड़कों के निर्माण को मंजूरी मिल गई है. इनमें से अधिकांश सड़कों के साथ नाले का भी निर्माण किया जाएगा. इस परियोजना पर लगभग 25 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) के मुख्य महाप्रबंधक ने नगर निगम अभियंताओं द्वारा तैयार एस्टीमेट की तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर दी है. अब इन सभी योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति स्थानीय स्तर पर दी जानी है, जिसके लिए बुडको के परियोजना निदेशक को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

DM ने गठित की चार जांच टीमें

योजनाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने चयनित 28 सड़कों की स्थल जांच के लिए चार विशेष टीमें गठित की हैं. ये टीमें 48 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपेंगी। जांच के दौरान यह देखा जाएगा कि चयनित सड़कें वाकई खराब स्थिति में हैं या फिर बिना आवश्यकता के ही उनके लिए एस्टीमेट तैयार कर लिया गया है. 

इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी पहले से अच्छी स्थिति में मौजूद सड़क को दोबारा निर्माण कार्य में शामिल तो नहीं किया गया है. इस जांच दल में जिला प्रशासन, नगर निगम के अधिकारी और इंजीनियर शामिल किए गए हैं.

योजनाओं के चयन पर उठे सवाल, 14 वार्डों तक सीमित सड़क निर्माण

मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के तहत शहरी क्षेत्र के कुल 49 वार्डों में से सिर्फ 14 वार्डों की सड़कों का चयन किया गया है, जिससे परियोजना की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं. खासकर, वार्ड नंबर 48 और 49 में सबसे अधिक योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिससे अन्य वार्डों के लोगों में असंतोष बढ़ रहा है.

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परियोजनाओं के चयन की जिम्मेदारी जिला स्तरीय समिति को दी गई है, जिसमें स्थानीय नगर विधायक, विधान पार्षद, पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त और बुडको के कार्यपालक अभियंता सदस्य के रूप में शामिल हैं. अब देखना यह होगा कि प्रशासनिक स्वीकृति के बाद इन योजनाओं को किस प्रकार और कितनी पारदर्शिता के साथ लागू किया जाता है.