आत्मनिर्भरता की मिसाल, मछली उत्पादन में बना सिरमौर बना मुजफ्फरपुर

Muzaffarpur becomes leader in fish production

By Vinay Kumar | June 30, 2025 7:28 PM

चार वर्षों में आठ हजार मीट्रिक टन बढ़ गया मछली का उत्पादन उपमुख्य संवाददताा, मुजफ्फरपुर पिछले चार वर्षों से मुजफ्फरपुर में मछली उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है. यह अब न केवल मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ है, बल्कि दूसरे जिले में भी मछली सप्लाई कर रहा है. पहले यहां का मछली कारोबार आंध्रपदेश पर केंद्रित था, लेकिन विगत वर्षों में यह परिदृश्य बदल चुका है. हर साल मछली उत्पादन में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. यह सरकारी योजनाओं, युवा उद्यमियों की बढ़ती रुचि और जीविका दीदियों के सशक्तिकरण का ही परिणाम है. यह बदलाव जिले को उत्तर बिहार में मछली उत्पादन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है. मत्स्य विभाग के आंकड़ों को देखें तो तीन वर्षों में आठ हजार मीट्रिक टन उत्पादन बढ़ा है. वर्ष 2021 में 36.10, 2022 में 39.30, 2023 में 43.40 और 2024 में 44.10 मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ है, जबकि खपत 40.22 हजार मीट्रिक टन है. अब यहां की मछली का कारोबार दूसरे जिलों में किया जा रहा है. जिले में अब जरूरत से ज्यादा मछली का उत्पादन किया जा रहा है. मछली उत्पादन में अब बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं, जिससे उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है. जिले में तालाबों की संख्या भी 3152 से बढ़कर पिछले साल 3600 और इस साल अब तक 3650 हो गयी है. मत्स्य विभाग लोगों को प्रशिक्षित कर कम जगह में भी मछली पालन के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. सरकारी सहायता और अनुदान से इस क्षेत्र में नये निवेशक आकर्षित हो रहे हैं. जिले में करीब 4000 लोग कर रहें मछली पालन मत्स्य विभाग के अनुसार, जिले में पिछले साल तक 3700 लोग मछली पालन कर रहे थे, जो बढ़कर चार हजार हो गये हैं. इनमें से 2200 निजी तालाब और 1552 सरकारी तालाब हैं. प्रखंड स्तर पर भी लोग मछली पालन को लेकर सक्रिय हैं. मत्स्य विभाग न केवल प्रशिक्षण दे रहा है, बल्कि तालाबों के निर्माण में भी लोगों की मदद कर रहा है. मछली पालन में जीविका दीदियों की भागीदारी भी तेजी से बढ़ रही है. मत्स्य विभाग द्वारा उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रही हैं. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली पालन के लिए 60 फीसदी तक अनुदान दिया जा रहा है, जिससे अधिक लोग इस क्षेत्र से जुड़ रहे हैं.

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