अजादारो ने या हुसैन के नारों के साथ दहकते हुए अंगारों पर किया मातम

mourning on the burning embers

By Vinay Kumar | August 14, 2025 8:23 PM

चेहल्लुम की पूर्व संध्या पर नवाब मो तकी खां इमामबाड़ा में हुआ आयोजन उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर चेहल्लुम की पूर्व संध्या पर गुरुवार को नवाब मोहम्मद तकी खां इमामबाड़ा के मैदान में अजदारों ने दहकते हुये अंगारों पर मातम किया और इमाम हुसैन और उनके साथ शहीद होने वाले 72 शहीदों की शहादत को सलाम पेश किया. यहां या हुसैन या हुसैन की सदायें लगाते हुये बच्चे बूढ़े और जवान दहकते हुए अंगारों पर मातम करते हुये गुजरे. सभी हम आग के शोलों को यूं रौंद के जायेंगे, महशर में सेला इसका शब्बीर से पायेंगे पढ़ते हुये चल रहे थे. आग पर मातम से पहले हज्जू नवाब साहब के इमामबाड़ा में मजलिस का आयोजन किया गया, जिसको मौलाना हैदर मेहदी रिजवी ने खिताब किया. उन्होंने अब्बास के फजाएल और मोसायेब पढ़े. मौलाना ने बताया कि करबला में इमाम हुसैन की शहादत के बाद खेमों में आग लगायी गयी. इमाम सज्जाद जलते हुऐ खेमे में थे. हजरत जैनब उनको जलते हुऐ खेमे से निकल कर लायी थीं और जब इमाम की शहादत के बाद उनके घर वालो को कैदी बना कर कूफा और शाम के बाजार से गुजारा गया और वहां पर घर की छतों से उन पर अंगारों की बारिश की गयी. मातमी जुलूस अलम के साये में हज्जु नवाव साहब के इमामबाड़ा से फायर ब्रिगेड ऑफिस के सामने नवाब रोड, बनारस बैंक चौक होते हुए कमरा मुहल्ला में दाखिल हुआ और फिर मातम करते हुये अजादार दहकते हुए अंगारों से या हुसैन या हुसैन की सदाए लगाते हुऐ गुजरे. यहां शुक्रवार को इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की चालीसवें के मौके पर शिया समुदाय की तरफ से मातमी जुलूस निकाला जायेगा और सुन्नी समुदाय की अलग अलग कमेटियां अखाड़ा जूलूस निकालेगी फोटो – दीपक –

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