जयंती योग में 16 अगस्त को मनाया जायेगा जन्माष्टमी

Janmashtami will be celebrated on August 16 in Jayanti Yoga

By Vinay Kumar | August 14, 2025 8:27 PM

वैष्णव संप्रदाय उदयाकालीन रोहिणी नक्षत्र में 17 को मनायेगा जन्माष्टमी उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर 15 अगस्त की रात्रि 12.58 बजे से अष्टमी तिथि शुरू होगी, जो 16 अगस्त की रात्रि 10.30 बजे तक रहेगी. इस बार 16 अगस्त की सुबह 8.08 बजे से कृतिका नक्षत्र आरंभ होगी, जो 17 अगस्त की सुबह 6:28 तक रहेगी. इसके बाद रोहिणी नक्षत्र शुरू हो जायेगा. इसलिये मठ, मंदिर सहित सभी जगहों पर 16 अगस्त को ही जन्माष्टमी उत्सव जयंती योग में मनायी जायेगी. पं.प्रभात मिश्र ने कहा कि चंद्रोदय 16 की रात्रि 11.17 बजे होगा. उदयकालीन रोहिणी नक्षत्र को मानने वाले वैष्णव संप्रदाय के लोग 17 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनायेंगे. श्रीमदभागवत को प्रमाण मानकर गृहस्थ आश्रम वाले लोग चंद्रोदय व्यापनी अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में जन्माष्टमी मनाते हैं और वैष्णव संप्रदाय को मानने वाले लोग उदयकालीन रोहिणी नक्षत्र में जन्माष्टमी का त्योहार मनाते हैं. जन्माष्टमी का यह त्योहार विभिन्न रूपों में मनाया जाता है. कहीं रंगों की होली होती है तो कहीं फूलों और इत्र की सुगंध का उत्सव होता है. जन्माष्टमी के दिन सुबह उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लिया जाता है. पंचामृत व गंगा जल से माता देवकी और भगवान श्रीकृष्ण की सोने, चांदी, तांबा, पीतल, मिट्टी की मूर्ति या चित्र पालने में स्थापित करते हैं और भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को नये वस्त्र धारण कराते हैं. बालगोपाल की प्रतिमा को पालने में बिठाते हैं और वैदिक मंत्रों से षोडशोपचार पूजन करते है. जन्माष्टी पूजन की खरीदारी के लिये बाजार में रही भीड़ जन्माष्टमी पूजा की खरीदारी के लिये शहर में गुरुवार को काफी रौनक रही. सरैयागंज, और जवाहर लाल रोड की पूजन सामग्रियों की दुकानों में ग्राहकों का तांता लगा रहा. जिन लोगों के यहां बाल गोपाल की पूजा होती है, उन लोगों ने कृष्ण भगवान के लिये झूला, वस्त्र, आसन, माला, मुकुट, मोर पंख और बांसुरी की खरीदारी की. बाल कृष्ण की मूर्ति के नंबर के अनुसार लोग उनके कपड़े खरीद रहे थे. जिन लोगों के यहां बाल कृष्ण की पूजा नहीं होती थी, उनलोगों ने भी जन्माष्टमी पूजन के लिये श्रीकृष्ण की मूर्ति सहित उनके झूले और आसन खरीदे. पूजन सामग्रियों की दुकानों में सुबह से रात तक खरीदारों का तांता लगा रहा. सरैयागंज के दुकान प्रमोद कुमार ने कहा कि दो दिन पहले से ही पूजन सामग्रियों की खरीदारी में तेजी है. खासकर बाल कृष्ण की पूजा के लिये उनके परिधान सहित अन्य चीजों की खरीदारी हो रही है. पिछले साल से इस बार का बाजार काफी अच्छा है. बाल गोपाल की मूर्ति स्थापित कर घरों में अब पूजा होने लगी है. इस कारण श्रीकृष्ण से जुड़े परिधानों सहित झूले की अच्छी बिक्री हो रही है. पगड़ी – 5 – 450 झूला – 120 – 620 वस्त्र – 5 – 1100 माला – 5 – 50 मुकुट – 5 – 750 मोर पंख – 10 बांसुरी – 2 – 60 (कीमत रुपये में)

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