बसों में महिलाओं और बच्चों के लिए अब चार सीटें आरक्षित
Four seats are now reserved for women and children in buses.
बसों में पंक्ति की 4 सीट महिला व बच्चों के लिए रिजर्व
– एसटीसी ने जारी किया दिशा निर्देश, कहा, सख्ती से कराये अनुपालन
– रिजर्व सीट पर रंगीन अक्षरों में लिखना होगा महिलाओं और बच्चों के लिए
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर :
बसों में महिला व बच्चों की सुविधा का ध्यान रखते हुए अगली पंक्ति की तीन की जगह चार सीट महिलाएं और बच्चों के लिए आरक्षित होगी. इतना ही उस सीट की पहचान अलग से हो इसके लिए उन सीटों रंगीन कल में लिखा हो ”महिलाओं और बच्चे के लिए ” है. इस संबंध में राज्य परिवहन आयुक्त (एसटीसी) आशुतोष द्विवेदी ने दिशा निर्देश जारी करते हुए बीएसआरटीसी के प्रशासक, सभी प्रमंडलीय आयुक्त सह सचिव आरटीए, डीटीओ को अनुपालन कराने को कहा है. जिसमें बताया है कि विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विभागीय समीक्षा बैठक में इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिये गये. पत्र में बताया गया कि बिहार मोटर व्हीक्ल एक्ट 1992 के नियम 118 के कंडिया चार में महिलाओं के आरक्षण का यह प्रावधान है. ” विदाउट लॉफुल ऑक्योपाइज एनी सीट एक्लूसीवली रिजर्वड फॉर फिमेल पैसेंजर ”. इस आलोक में बसों के इसके अनुपालन के निर्देश दिये गये हैं. चालक व कंडक्टर को खाकी रंग का ड्रेस अनिवार्य
चालक और कंडक्टर को गाड़ी चलाते समय खाकी रंग का ड्रेस पहनना अनिवार्य है. साथ ही ड्रेस के ऊपर उनके नाम का नेमप्लेट भी होना चाहिए. इसे लागू करवाने को लेकर एसटीसी ने बीएसआरटीसी के प्रशासक, सभी प्रमंडलीय आयुक्त सह सचिव आरटीए, डीटीओ को अनुपालन कराने को कहा है. जारी निर्देश में बताया है कि सेंट्रल मोटर व्हीक्ल एक्ट में चालकों को वर्दी पहनने का प्रावधान है. बताते चले कि यहां तो नहीं लेकिन बड़े शहरों में बस, ऑटो, टैक्सी चालक सभी खाकी रंग के ड्रेस में भी वाहन चलाते हैं. इससे चालक की पहचान होती है उसमें यात्रियों को आसानी होती है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह जरूरी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
