सदर अस्पताल में अब ड्रेस कोड अनिवार्य
Dress code is now mandatory in Sadar Hospital
उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई, सिविल सर्जन ने दिया आदेश
बुजुर्गों के लिए अलग ओपीडी और वार्ड बनाये जाने के हैं निर्देशउप मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
अब सदर अस्पताल के डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ को अनिवार्यत: ड्रेस कोड में रहना होगा. यदि कोई भी पालन करते हुए नहीं पाया गया, तो उस पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की जायेगी. बुधवार को यह आदेश जारी करते हुए सीएस डॉ अजय कुमार ने अस्पताल अधीक्षक व उपाधीक्षक के साथ एक बैठक भी की. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि वे प्रत्येक सप्ताह अस्पताल का निरीक्षण करें और इसकी विस्तृत रिपोर्ट उन्हें सौंपें. सीएस ने बताया कि सदर अस्पताल में रोजाना बड़ी संख्या में मरीज इलाज कराने आते हैं. ऐसे में, यह पहचान करना मुश्किल हो जाता है कि कौन डॉक्टर है और कौन अस्पताल का स्टाफ. इसी समस्या को खत्म करने व अस्पताल में बेहतर अनुशासन कायम करने के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है. सीएस ने दोहराया कि विभाग गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्पित है. सरकार की ओर से सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं, इसके बावजूद यदि इलाज में कमी आती है तो यह गंभीर चिंता का विषय होगा.मरीजों की सुविधाओं पर विशेष ध्यान
बैठक में सिविल सर्जन ने मरीजों की सुविधाओं को लेकर भी कई अहम निर्देश दिये. उन्होंने अधीक्षक को निर्देश दिया कि अस्पताल में आनेवाले मरीजों के बैठने के लिए समुचित व्यवस्था होनी चाहिए. साथ ही, पीने के पानी की भी अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये. एक अहम बदलाव करते हुए उन्होंने बुजुर्गों के लिए अलग से ओपीडी व वार्ड की व्यवस्था को अनिवार्य बताया. इसके अलावा, एंबुलेंस व अन्य जरूरी जीवन रक्षक उपकरणों की उपलब्धता भी अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने को कहा है. सीएस ने इमरजेंसी और एमसीएच (मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य) वार्ड में डॉक्टरों की शत-प्रतिशत उपस्थिति व मरीजों को बेवजह रेफर करने की प्रथा को तुरंत समाप्त करने का भी सख्त निर्देश दिया. डॉ अजय कुमार ने चेतावनी देते हुए साफ किया कि यदि उनके इन निर्देशों के विपरीत कोई भी कार्य होता है, तो संबंधित डॉक्टर या स्टाफ पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
