नशा करने वालों को समाज की मुख्यधारा से जोड़े
Connect drug addicts to the mainstream of society
मुजफ्फरपुर. सर्वोच्च न्यायालय नयी दिल्ली के डॉन स्कीम 2025 के निर्देशिका के आलोक में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से ओरियेंटेशन कम कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसकी शुरुआत प्रभारी प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश गिरधारी उपाध्याय, विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस अमित कुमार सिंह व नरेंद्र पाल सिंह, डीएम सुब्रत कुमार सेन, एसएसपी सुशील कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया. इस योजन का उद्देश्य डॉन (डीएडब्लुएन) स्कीम के तहत गठित जिला स्तरीय इकाई के सदस्यों को इस विषय पर संवेदीकरण और जिला को नशा मुक्ति के लिए किये जा रहे प्रयास को जमीनी स्तर पर प्रभावी बनाना था. प्रभारी प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि यह संवेदनशील मुद्दा है. देश के युवा बच्चे नशे की चपेट में है. ऐसे में अत्यंत आवश्यक है कि नशा मुक्त समाज बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाये. जिला विधिक सेवा प्राधिकार सभी हितधारकों के सहयोग से नालसा के इस स्कीम को सफल बनाने के लिए कार्य करे. डीएम ने कहा कि इसके लिए जागरूकता चलाना ही महत्वपूर्ण नहीं है. यह भी आवश्यक है कि नशापान करने वाले व्यक्तियों को समाज की मुख्य धारा में लाने, उनके इलाज की समुचित व्यवस्था हो. इसके लिए प्रत्येक स्तर पर कार्यदल, विभाग को आपस में बेहतर समन्वय स्थापित कर कार्य करना होगा. उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकार के इस कार्य की सराहना की. वहीं विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस, एसएसपी ने इससे जुड़े कानूनी पहलु व कठिनाइयों पर चर्चा की. रिसोर्स पर्सन के रूप में आ ये एनसीडीओ डॉ नवीन कुमार, भगवान पाठक, संदीप झा, जिला परियोजना पदाधिकारी ने इस पर अपने विचार रखे. अंत में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव सुश्री जयश्री कुमारी ने सभी बातों को सम्मलित करते हुए इस योजना के तहत जिला इकाई के सभी हितधारकों से निवेदन किया हम सभी का उद्देश्य नशा मुक्त समाज बनाना है. ऐसे में इसके प्रभाव को हर तरह से रोकने के लिए अपने अपने स्तर से प्रयास करने की जरूरत है. दीपक 31
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