Bihar News : चमकी-बुखार से पीड़ित दो और बच्चे SKMCH में भर्ती, जांच के लिए भेजा गया सैंपल

एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में चमकी-बुखार के लक्षण वाले दो बच्चे को भर्ती किया गया. भर्ती हुए बच्चे दोनो सीतामढ़ी के बताये गये हैं. जबकि एइएस पुष्टि हाेने वाले में मोतिहारी रामगढ़वा के छह साल का जामिन कुमार का इलाज चल रहा हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | April 11, 2022 8:28 PM

मुजफ्फरपुर. एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड में चमकी-बुखार के लक्षण वाले दो बच्चे को भर्ती किया गया. भर्ती हुए बच्चे दोनो सीतामढ़ी के बताये गये हैं. जबकि एइएस पुष्टि हाेने वाले में मोतिहारी रामगढ़वा के छह साल का जामिन कुमार का इलाज चल रहा हैं. वहीं रुन्नीसैदपुर के छह साल की बच्ची मेहजबीन और कुढ़नी लदौरा के दर्पण कुमारी को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया हैं.

पीड़ित बच्चे का रिपोर्ट मुख्यालय भेजा गया

उपाधीक्षक सह शिशु विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि पीड़ित बच्चे का रिपोर्ट मुख्यालय भेजा गया है. दोनो बच्चें में हाइपोग्लाइसीमिया की पुष्टि हुई थी, लेकिन इलाज के दौरान वह स्वस्थ्य हो चुके हैं. एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डा.गोपालशंकर सहनी ने बताया कि मोतीपुर समेत अलग-अलग जगह से बच्चे चमकी-बुखार के पीड़ित होकर आ रहे है. इन सबों का सैंपल जांच के लिये लैब भेजा गया हैं.

एइएस पीड़ित मिले आठ बालक और तीन बालिका

जांच के बाद ही पुष्टि हो पायेगी कि एइएस है या नहीं हैं. अभी सबकी हालत में सुधार है. उन्होंने कहा कि अगर समय पर बच्चा अस्पताल आ जाए तो उसकी जान बच जाती है. जानकारी के अनुसार इस साल जो बच्चे एइएस पीड़ित मिले आठ बालक और तीन बालिका शामिल है. इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो चुकी है. पीड़ित में पांच मुजफ्फरपुर, तीन मोतिहारी और दो मरीज सीतामढ़ी और एक अररिया के है.

चमकी बुखार का लक्षण दिखते ही पीड़ित को पीएचसी में ले जाये

सीतामढ़ी. समाहरणालय के परिचर्चा भवन में सोमवार को मस्तिष्क ज्वर (जेई /एईएस) से बचाव को लेकर मुखियाओं का एकदिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यशाला का उद्घाटन सीएस डॉ सुरेश चंद्र लाल व जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ रवीन्द्र कुमार यादव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. डॉ यादव ने दृश्य- श्रव्य माध्यम से मुखियाओं को मस्तिष्क ज्वर (चमकी बुखार) के लक्षण, प्राथमिक उपचार व बचाव के बारे में जानकारी दी.

रात में बच्चे को भूखे न सोने दें

उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान चलाकर इस गंभीर बीमारी का मुकाबला किया जा सकता है. बताया, रात में बच्चे को भूखे न सोने दें. धूप से बचाएं. बगीचा में कच्चे या जूठे फल न खाने दें. चमकी बुखार के लक्षण में एकाएक बुखार, चमकी या ऐंठन आना, सुस्ती या बेहोशी व मानसिक असंतुलन आदि शामिल है. ऐसे लक्षण दिखे, तो बिना गंवाये पीड़ित बच्चे को नजदीक के पीएचसी में ले जाना चाहिए.

ओआरएस व पैरासिटामोल की गोली उपलब्ध

उन्होंने कहा कि डीएम के निर्देश पर पंचायत स्तर पर मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना के 1100 वाहनों को टैग किया गया है. इसके साथ ही इसी योजना के तहत 16 एम्बुलेंस को भी टैग किया गया है, जिसका नंबर भी प्रसारित किया गया है. सभी आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ता के पास ओआरएस व पैरासिटामोल की गोली उपलब्ध है.

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