बिहार के किसानों से ही खरीदें पीडीएस का अनाज
बिहार के किसानों से ही खरीदें पीडीएस का अनाज
:: राज्य की पीडीएस आवश्यकता स्थानीय खरीद से हो पूरी :: पांच हजार करोड़ का परिवहन खर्च बचाने की अपील उप मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर बिहार में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस ) के लिए आवश्यक अनाज की अधिकतम खरीद राज्य के किसानों से ही किए जाने की मांग अब और भी मुखर हो गई है. इस गंभीर विषय को लेकर आज एक सर्वदलीय शिष्टमंडल ने सहकारिता मंत्री डॉ. प्रमोद कुमार चन्द्रवंशी से मुलाकात कर उन्हें इस दिशा में ठोस कार्रवाई करने का आग्रह किया. शिष्टमंडल में सपोर्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष रंगीश ठाकुर, वरिष्ठ भाजपा नेता मनोज वत्स, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मुकेश त्रिपाठी और राजद के प्रदेश महासचिव विनोद प्रसाद यादव जैसे प्रमुख नेता शामिल थे. बैठक में रखे गए मुख्य तथ्य नेताओं ने मंत्री को अवगत कराया कि विगत पांच वर्षों में पीडीएस के माध्यम से राज्य में लगभग 3.9 करोड़ टन अनाज का वितरण किया गया, जबकि राज्य के किसानों से मात्र दो करोड़ टन धान व गेहूं की ही खरीद हो पायी. शिष्टमंडल ने बताया कि पीडीएस की आवश्यकता का बड़ा हिस्सा पंजाब व अन्य राज्यों से आयात किया जाता है, जिस पर प्रति वर्ष अनुमानतः 4,000 से 5,000 करोड़ केवल परिवहन लागत के रूप में खर्च हो जाता है. एफसीआइ दरों के अनुसार यह प्रति टन 1,200 से 1,600 रूपये तक आता है. उन्होंने इसे अनावश्यक राष्ट्रीय आर्थिक बोझ बताया. स्थानीय खरीद कम होने से बिहार के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य और स्थायी बाजार का लाभ नहीं मिल पाता है. शिष्टमंडल की ये है प्रमुख मांगें बिहार की पीडीएस आवश्यकता की अधिकतम पूर्ति बिहार के किसानों से की जाए, पैक्स एवं सहकारी समितियों की खरीद क्षमता को तकनीकी व वित्तीय रूप से मजबूत किया जाए, अन्य राज्यों से अनाज लाने में होने वाले भारी परिवहन व्यय को कम करने हेतु स्थानीय खरीद को प्राथमिकता दी जाए. शिष्टमंडल को मिला आश्वासन मंत्री डॉ. चंद्रवंशी ने शिष्टमंडल को आश्वासन दिया कि सरकार किसान हित और राज्य हित दोनों को ध्यान में रखते हुए सभी तथ्यों का विस्तृत अध्ययन करेगी और इस विषय पर जल्द ही ठोस कार्यवाही करेगी. नेताओं का मानना है कि यह निर्णय बिहार के किसानों, सहकारिता तंत्र और राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए गेम-चेंजर साबित होगा.
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