बिहार में चमकी बुखार का फिर से बढ़ा खतरा, इस जिले में सबसे ज्यादा हो रहे बच्चे बीमार

Chamki Fever: बिहार में मौसम बदलते ही चमकी बुखार (AES) का खतरा फिर बढ़ गया है. मुजफ्फरपुर सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है, जहां 23 बच्चों में बीमारी पाई गई. स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है और इलाज के लिए सभी संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं.

By Anshuman Parashar | June 5, 2025 1:52 PM

Chamki Fever: बिहार में मौसम बदलते ही एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार का साया एक बार फिर गहराने लगा है. अब तक राज्य में 28 बच्चों में AES की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 23 केस मुजफ्फरपुर जिले से हैं. बाकी मामले गोपालगंज, सीतामढ़ी और शिवहर से आए हैं. बच्चों में डायरिया, पीलिया और खांसी-जुकाम के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं, जिसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट पर है.

SKMCH में भर्ती हुए थे दो मासूम, इलाज के बाद हालत स्थिर

शिवहर की तीन साल की विभा कुमारी और सीतामढ़ी की संजना कुमारी में AES के लक्षण मिलने के बाद उन्हें पहले स्थानीय अस्पताल में और फिर स्थिति बिगड़ने पर SKMCH, मुजफ्फरपुर रेफर किया गया. दोनों बच्चियों को पीकू वार्ड में भर्ती कर इलाज दिया गया और अब वे खतरे से बाहर हैं.

स्वास्थ्य विभाग की तगड़ी तैयारी, कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे एक्टिव

सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार के अनुसार, AES को लेकर विभाग पूरी तैयारी में है. सदर अस्पताल में 24×7 कंट्रोल रूम शुरू किया गया है. ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. सभी आवश्यक दवाएं और मेडिकल स्टाफ उपलब्ध हैं, ताकि किसी भी स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके.

Also Read: पटना में कोविड के 30 से अधिक केस, कई मोहल्लों में दस्तक देकर पांव पसार चुका है कोरोनावायरस

डॉक्टरों की चेतावनी, सावधानी ही सुरक्षा है

डॉक्टरों ने बच्चों के माता-पिता से अपील की है कि वे उबला हुआ पानी पिलाएं, बच्चों को साफ-सफाई में रखें और मच्छरों से बचाव के उपाय करें. डायरिया होने पर ओआरएस का घोल दें और तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ाएं. मौसम का असर बच्चों पर अधिक होता है, इसलिए थोड़ी लापरवाही भी गंभीर बन सकती है.