उंगलियां मिसमैच, आयुष्मान कार्डधारकों का नहीं हो रहा इलाज

Ayushman card holders are not getting treatment

By Vinay Kumar | July 24, 2025 6:55 PM

उंगुली की रेखाएं मिट जाने से बायोमेट्रिक नहीं कर पा रहा सत्यापन इलाज के लिए अस्पताल गये मरीजों को बिना इलाज होना पड़ रहा वापस उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज का लाभ ले रहे बुजुर्गों को अब एक नयी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उनकी उंगलियों के निशान बायोमेट्रिक मशीनों से मेल नहीं खा रहे हैं, जिस कारण अस्पतालों से उन्हें बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ रहा है. इस समस्या ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए निशुल्क इलाज की सुविधा पर सवाल खड़ा कर दिया है. हाल के दिनों में शहर के कई निजी अस्पतालों से ऐसे बुजुर्ग मरीजों को लौटना पड़ा, जिनकी उंगलियों की रेखाएं उम्र बढ़ने के कारण घिस गयी हैं. जब इन मरीजों ने अपना आयुष्मान कार्ड बनवाया था, तब उनकी उंगलियों के निशान स्कैन किये गये थे. लेकिन, अब इलाज के वक्त उनके वर्तमान उंगलियों के निशान पुराने रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहे, जिससे बायोमेट्रिक सत्यापन फेल हो रहा है. नतीजतन, अस्पताल इलाज करने से मना कर रहे हैं और मरीजों को निराश होकर घर लौटना पड़ रहा है. नियमानुसार, जब उंगली के निशान बायोमेट्रिक से मेल नहीं खाते, तो आइरिस स्कैन का विकल्प होता है. हालांकि शहर के अधिकांश निजी अस्पतालों के पास आइरिस स्कैन की सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में, अगर उंगली के निशान मैच नहीं होते, तो वे मरीजों का इलाज करने से इनकार कर देते हैं. सीनियर सिटीजंस कौंसिल ने की थी निदान की मांग इस समस्या को देखते हुये सीनियर सिटीजंस काउंसिल ने भी पिछले दिनों इस मुद्दे को उठाया था और इसके समाधान की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. इस समस्या के पीछे मुख्य कारण बुजुर्गों की बढ़ती उम्र है, जिससे उनकी उंगलियों की रेखाएं मिट जाती हैं या धुंधली हो जाती हैं. इसके अलावा, कई लोगों का आधार बायोमेट्रिक डेटा काफी पुराना होता है, जिसे उन्होंने अपडेट नहीं कराया है. जिन बुजुर्गों को यह समस्या आ रही है, उन्हें अपने आधार बायोमेट्रिक को अपडेट कराना होगा. इसके लिए उन्हें अपने नजदीकी आधार कार्ड सेंटर पर जाकर अपनी उंगलियों के निशान दोबारा स्कैन कराने होंगे. इससे उनका आधार डेटा अपडेट हो जायेगा सदर अस्पताल की आयुष्मान प्रभारी, विमला कुमारी ने भी स्वीकार किया कि इस तरह की शिकायतें आ रही हैं. उन्होंने बताया कुछ बुजुर्गों ने बायोमेट्रिक मिसमैच होने की शिकायत की है. उन्हें बायोमेट्रिक से अपडेट कराना होगा.

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