जिले में 420 सरकारी पोखरों की उड़ाही, सरैया और कुढ़नी सबसे आगे
जिले में 420 सरकारी पोखरों की उड़ाही, सरैया और कुढ़नी सबसे आगे
:: जल-जीवन-हरियाली:
मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुरजल-जीवन-हरियाली योजना के तहत जिले में जल संरक्षण और संवर्धन का काम चल रहा है. इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत 420 सरकारी पोखरों की उड़ाही (गाद निकालने और गहरा करने का काम) का कार्य प्रगति पर है. दरअसल, भू-जल स्तर को बढ़ाने और स्थानीय जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने में कारगर होगी. जानकारी के अनुसार, इस अभियान में सरैया प्रखंड में सर्वाधिक 63 पोखरों की उड़ाही की जा रही है, जबकि कुढ़नी प्रखंड में 54 पोखरों पर काम चल रहा है. यह दर्शाता है कि इन क्षेत्रों में जल संरक्षण की विशेष जरूरत है. पोखर उड़ाही के साथ-साथ, भूजल रिचार्ज के लिए सोख्ता निर्माण का कार्य भी गति पर है. अब तक 358 सोख्ता निर्माण के लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है, जो निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है. ये सोख्ता वर्षा जल को भूमिगत करने में मदद करते हैं, जिससे भविष्य में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होती है. यह योजना न केवल जल संरक्षण में सहायक है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण संतुलन और हरियाली को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है.
योजना के मुख्य उद्देश्य
जल संरक्षण: यह योजना पारंपरिक जल स्रोतों जैसे तालाबों, पोखरों, आहार-पईन (छोटे नहर) और कुओं का जीर्णोद्धार (उड़ाही और मरम्मत) करके उनके अतिक्रमण को हटाती है और उन्हें पुनर्जीवित करती है. इसमें नए जलस्रोतों का निर्माण और वर्षा जल संचयन (रेन वाटर हार्वेस्टिंग) को बढ़ावा देना भी शामिल है. वृक्षारोपण को बढ़ावा देना और राज्य के हरित आवरण को बढ़ाना. इसके तहत “एक पेड़ मां के नाम ” जैसे अभियान चलाए जाते हैं.प्रखंड में कुओं का जीर्णोद्धार
औराई : 21बंदरा: 8
बरुराज : 19बोचहां : 7
मुरौल : 9गायघाट : 18
कांटी : 51कटरा : 23
कुढ़नी : 54मड़वन: 41
मीनापुर : 10मुसहरी : 42
पारु : 22साहेबगंज : 22
सकरा : 10सरैया : 63
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