वाजपेयी भारतीय राजनीति में युगद्रष्टा, मालवीय शिक्षा व्यवस्था के शिल्पकार

धानमंत्री के रुप में अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत को वैश्विक मंच पर सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित किया.

By AMIT JHA | December 24, 2025 7:04 PM

मुंगेर ———————— भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति में ऐसे युगद्रष्टा नेता थे. जिन्होंने विचारधारा से ऊपर उठकर राष्ट्रहित को सर्वोपरि माना. वे एक सफल राजनेता, लोकतांत्रिक मूल्यों के सच्चे संरक्षक एवं संवेदनशील प्रशासक थे. जबकि भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय भारतीय शिक्षा व्यवस्था के शिल्पकार थे. उन्होंने शिक्षा को केवल ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और राष्ट्र उत्थान का आधार माना. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना उनके दूरदर्शी चिंतन का जीवंत उदाहरण है. ये बातें सरस्वती विद्या मंदिर में अटल बिहारी वाजपेयी एवं पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती पर प्रधानाचार्य संजय कुमार सिंह ने कही. इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जय किशोर पाठक, प्रधानाचार्य उपप्रधानाचार्य अमन कुमार सिंह, बालिका खंड की प्रभारी प्रधानाचार्या राखी कुमारी, प्राथमिक खंड की प्रभारी प्रधानाचार्या सुजीता कुमारी ने संयुक्त रुप से अटल बिहारी वाजपेयी एवं पंडित मदन मोहन मालवीय की तस्वीर पर पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलित कर किया. मुख्य अतिथि ने कहा कि आज दो महान विभूतियों की जयंती पर हम सभी संकल्प लेते हैं कि उनके दिखाए गए मार्ग पर चलकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देंगे. उनके आदर्श राष्ट्र प्रथम, लोकतंत्र की मर्यादा, सुशासन और सामाजिक समरसता – हमेशा हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे. उपप्रधानाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री के रुप में अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत को वैश्विक मंच पर सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित किया. डॉ काशीनाथ मिश्र ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की रचनाएं, राष्ट्रप्रेम और मानवता से ओत-प्रोत थीं. आज भी उनके विचार, सोच और राष्ट्रप्रेम देशवासियों के लिए प्रेरणास्त्रोत है. इस दौरान विद्यालय स्तरीय सप्तशक्ति संगम कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ. जिसमें समाज और विद्यालय में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं की माताएं उपस्थित रहीं. कार्यक्रम में आदर्श माताओं से जुड़ी प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका लया सिन्हा द्वारा किया गया. प्रेरणादायी महिलाओं की वेशभूषा एवं संदेश विषय पर शिक्षिका शिवांगी ने एवं राष्ट्र के विकास में भारतीय महिलाओं का योगदान विषय पर शिक्षिका सुरीति राज ने विचार रखे. विशिष्ट माता का सम्मान रुक्मिणी देवी को दिया गया. नवयुग का गीत संगीत शिक्षिका सुवर्णा घोष द्वारा प्रस्तुत किया गया. मौके पर शीला मेहता, कृति कुमारी, पाणिनी मिश्रा आदि मौजूद थी.

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